कानपुर केस : विकास दुबे के दो और साथी प्रभात मिश्रा व बउआ दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारे गए

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(www.arya-tv.com) विकास दुबे के दो और साथी प्रभात मिश्रा व बउआ दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए।  पुलिस ने बताया कि कानपुर पुलिस की टीम फरीदाबाद में गिरफ़्तार विकास दुबे खास प्रभात मिश्रा निवासी बिकरु थाना चौबेपुर को ट्रैंजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी तभी प्रभात ने भागने की कोशिश की। वहीं इटावा में कानपुर कांड का 50 हजार का इनामी बउआ दुबे भी मारा गया। यह जानकारी इटावा एसएसपी आकाश तोमर ने दी।

प्रभात ने किए थे कई खुलासे
कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद कुख्यात अपराधी विकास और उसका एक गुर्गा कार्तिकेय उर्फ प्रभात 50 घंटे तक चंद कदमों की दूरी पर बने रहे।  उसके बाद वह लोग फरीदाबाद पहुंचे। जहां पर विकास ने अपनी भाभी के यहां पनाह ली और पुलिस टीम के वहां पहुंचने से पहले फरार हो गया। फरीदाबाद में सूचना मिलने के बाद वहां की क्राइम ब्रांच पुलिस और एसटीएफ ने न्यू इंदिरा नगर नहर पार फरीदाबाद में छापेमारी की। वहां से कार्तिकेय, अंकुर और श्रवण को गिरफ्तार किया। जब क्राइम ब्रांच ने पूछताछ शुरू की तो चौकाने वाला खुलासा हुआ।

कार्तिकेय उर्फ प्रभात ने जानकारी दी कि पुलिस कर्मियों की हत्या करने के बाद उसने और विकास ने उनकी दो पिस्टले और कारतूस लूटी और वहां से शिवली निकल गए। वह लोग शिवली में दो दिन रुके। मोटरसाइकिल और टैक्सी से सफर करते हुए वह लोग फरीदाबाद पहुंच गए। यहां उन्होंने विकास की भाभी शांति मिश्रा के यहां शरण ली। उन्हें शरण देने के मामले में अंकुर और श्रवण को गिरफ्तार किया गया है।फरीदाबाद पुलिस ने इनके पास से दो 9 एमएम पिस्टल और दो देसी पिस्टल 9 एमएम और 45 जिंदा कारतूस बरामद किए। साथ ही प्रभात के पास से तीन हजार रुपए दिए। प्रभात ने बताया कि पुलिस टीम के आने की सूचना मिलने के साथ ही विकास कुछ घंटे पहले फरार हो गया।