(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की प्रतिभा एक बार फिर चमकी है। पीसीएस जूडिशियल की परीक्षा में जिले के छात्र को पहले ही प्रयास में सफलता मिली है। परीक्षा में 149 वीं रैंक प्राप्त करने वाले सर्वेश पांडे ने अपनी सफलता के लिए ईश्वर के प्रति अपनी आस्था के साथ हार्ड वर्किंग और धैर्य को सबसे बड़ा कारण बताया है। पहले ही प्रयास में जज जैसे गरिमामई पद को प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। अपने इस लाल की सफलता पर जहां परिवारजन बेहद खुश हैं। वहीं, गांव में भी खुशियों का माहौल है। सर्वेश पांडेय अपनी सफलता के लिए हार्ड वर्क, धैर्य और अपने पिता सहित भगवत गीता और भगवान श्रीकृष्ण को सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत मानते हैं।
गोरखपुर के नौसढ़ स्थिति ग्राम भिलौरा निवासी सर्वेश कुमार पांडेय ने यूपीपीसीएस 2022 की परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हुए 149वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार, शहर और गांव वालों को खुशियां मनाने का मौका दिया है। सर्वेश पांडेय एक कृषक परिवार से आते हैं, इनके दादा जी ने किसान होने के बावजूद अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई में कोई कसर नहीं रखी। सर्वेश पांडेय के पिता भी गोरखपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी करने के बाद आरटीओ में एक वकील की हैसियत से काम करते हैं। वहीं, तीन भाइयों और एक बहन में सबसे बड़े सर्वेश पांडेय ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की सोची।
गांव से ही हुई प्रारंभिक पढ़ाई
सर्वेश कुमार पांडेय की प्रारंभिक गांव से ही हुई। उन्होंने आदर्श जनता इंटर कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। यहां से माध्यमिक शिक्षा लेने के लिए इंटर तक की पढ़ाई गोरखपुर के जुबिली इंटर कॉलेज से पूरी की। गोरखपुर विश्वविद्यालय से वर्ष 2018 में एलएलबी और 2020 में एलएलएम की डिग्री हासिल करने के बाद 2021 में यूजीसी, जीआरएफ क्वालीफाई किया।
इसके अलावा पीएचडी भी की है। एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत करते हुए सर्वेश पांडेय ने कहा कि पिता की प्रेरणा से परिवार में सभी को शिक्षा का माहौल मिला हुआ है। पिताजी और माताजी की इच्छापूर्ति के लिए मैंने जज बनने की ठानी। इस दिशा में प्रयास करना शुरू किया। सर्वेश कहते हैं कि पहली बार सिविल जज की परीक्षा के पहले उंगली कट जाने की वजह से शामिल नहीं हो सका था। इसका मलाल मुझे हमेशा से था। इसके बाद भी मैंने हिम्मत नहीं हारी। प्रयास जारी रखा।
इस दौरान बिहार एपीओ में भी 0.25 अंकों से पीछे रहना पड़ा था। इसके बाद मैंने मोटिवेशन के साथ तैयारी शुरू की। सर्वेश जोर देकर कहते हैं कि संघर्ष के साथ धैर्य का होना सबसे जरूरी है। मेरी ईश्वर में अगाध आस्था है। भगवत गीता मेरे लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन का काम करती है। इसलिए मेरे आराध्य भगवान श्रीकृष्ण हैं। उनसे मैं हमेशा प्रेरणा लेता रहता हूं।
श्रीकृष्ण के जीवन का बड़ा संदेश
सर्वेश पांडेय कहते हैं कि श्रीकृष्ण का जीवन हमें बड़ा संदेश देता है। आप देख सकते हैं कि किस प्रकार उन्होंने अपने जीवन काल में बचपन से ही संघर्ष किया। समाज को एक संदेश दिया कि कर्म से बड़ा कुछ भी नहीं है। फल की इच्छा किए बिना कर्म की सीख भगवान श्रीकृष्ण देते हैं और फल अपने आप हासिल होने की बात करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण और पिताजी के आशीर्वाद और प्रेरणा से मुझे अपने पहले प्रयास में यह सफलता हासिल हुई है। इसके लिए मैं अपने सभी शुभचिंतकों, शिक्षकों और परिवारजनों का आभार व्यक्त करता हूं।
7 से 8 घंटे की तैयारी
सर्वेश कुमार पांडेय परीक्षा में अपनी सफलता को लेकर की गई तैयारीयों के विषय में विस्तार से बात करते हैं। वे कहते हैं कि हमने 7 से 8 घंटे की हार्ड वर्किंग वाली पढ़ाई की। किसी भी विषय में गहराई तक जानकारी हासिल करने की ललक ने मेरी सफलता में बड़ा अहम योगदान दिया है। सर्वेश अपने आने वाले साथियों और तैयारी कर रहे छात्रों को संदेश देते हुए कहते हैं कि किसी भी सफलता और मेहनत के लिए धैर्य का होना सबसे जरूरी है। अगर आप हार्ड वर्किंग हैं और आपमें धैर्य नहीं है तो बहुत जल्दी टूट कर बिखर जाएंगे।
बताई अपनी प्राथमिकताएं
न्यायपालिका को लेकर उठ रहे सवालों पर सर्वेश पांडेय कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति की अंतिम आस न्यायपालिका ही होती है। जब कोई व्यक्ति सभी जगह से अपनी लड़ाई हार जाता है तो अंत में न्यायपालिका के द्वार पर ही पहुंचता है। वह सामने वाले को बड़े विश्वास और भरोसे के साथ कहता है कि मैं तुम्हें कोर्ट में देख लूंगा।
मैं भी आम लोगों के विश्वास और उम्मीद को पूरी तरह जिंदा रखने की पूरी कोशिश करूंगा। इस बात का विशेष ध्यान रखूंगा कि न्यायपालिका को लेकर आम लोगों की जो उम्मीद है, उस पर पूरी ईमानदारी से खरा उतर सकूं। मेरी कोशिश न्याय और न्यायपालिका पर सबका विश्वास कायम रखने की होगी। मजलूम, मजबूर और असहाय लोगों के साथ अन्याय न हो, यह मेरी प्राथमिकता होगी।