(www.arya-tv.com) 6 महीने की उम्र के बाद शिशु को ठोस आहार खिलाना शुरू कर दिया जाता है क्योंकि इस उम्र से बच्चे की पोषण संबंधी जरूरत बढ़ जाती हैं। अब बच्चा पहले से ज्यादा एक्टिव होता है इसलिए उसकी भूख भी बढ़ जाती है और उसे अब पहले से ज्यादा पोषण की जरूरत होती है।
6 महीने की उम्र के बाद से शिशु को प्यूरी या मैश कर के ही कोई फूड खिलाया जाता है और बच्चे के लिए घर पर बना खाना ही सबसे अच्छा रहता है इसलिए इस आर्टिकल के जरिए हम आपके लिए लेकर आए हैं बच्चों के लिए बेस्ट होममेड वेजिटेबल प्यूरी रेसिपी।
कद्दू की प्यूरी
कद्दू बीटा-कैरोटीन, प्रोटीन, आयरन, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। यह फाइबर से भरपूर होने की वजह से कब्ज को रोकने में भी मदद करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है। कद्दू की प्यूरी बनाने के लिए आपको चाहिए कद्दू – ½ कप छिला हुआ और छोटे कटे हुए टुकड़ों में, पानी आवश्यकतानुसार। सबसे पहले कद्दू को अच्छी तरह धो लें और इसका छिलका उतारकर बीज भी निकाल दें।
कद्दू को छोटे और बराबर आकार के क्यूब्स में काट लें। कटे हुए कद्दू के टुकड़ों को स्टीमर में 15 मिनट तक या जब तक कद्दू के टुकड़े अच्छी तरह से पककर नरम न हो जाएं, भाप में पका लें। आप इसे एक कप पानी के साथ प्रेशर कुकर में भी पका सकते हैं। पके हुए कद्दू को हाथ से अच्छी तरह मैश कर लें या ब्लेंडर का उपयोग करके मुलायम पेस्ट बना लें और फिर थोड़ा ठंडा कर के शिशु को खिलाएं।
आलू की प्यूरी
आलू कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं और इसमें पोटेशियम, आयरन, विटामिन बी और सी भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। इसे बनाने के लिए आपको चाहिए 1 मध्यम आकार का आलू, गाय का घी 1 चम्मच, 1 बड़ा चम्मच ब्रेस्टमिल्क, हींग एक चुटकी, नमक आवश्यकतानुसार, काली मिर्च पाउडर और पानी आवश्यकतानुसार।
सबसे पहले आलू को बहते पानी में धो लें और फिर इसे छीलकर छोटे क्यूब्स में काट लें। एक पैन में एक कप पानी के साथ आलू उबालें। आलू पक जाने के बाद पानी रह जाए तो उसे छान लें। आलू को एक चौड़े कटोरे में रखें, मक्खन और हींग डालें और उसे मैश कर लें। आप इसमें ब्रेस्ट या फॉर्मूला मिल्क के साथ नमक और काली मिर्च भी डाल सकते हैं।
मटर की प्यूरी
हरी मटर आयरन, प्रोटीन, विटामिन ए, सी, के और फाइबर से भरपूर होती है। मटर बच्चे की हड्डियों और मांसपेशियों के विकास के लिए फायदेमंद होता है। मटर की प्यूरी बनाने के लिए एक मुट्ठी हरी मटर, पानी। मटर को छीलने के बाद उसे धो लें। इसे पकाने के लिए स्टीमर का उपयोग करें।
फिर मटर को अच्छी तरह से मैश कर लें या पकी हुई हरी मटर का बारीक पेस्ट बनाने के लिए ब्लेंडर का उपयोग करें। इसे गाढ़ा करने के लिए आप इसमें पानी, ब्रेस्ट या फॉर्मूला मिल्क या गाय का दूध भी डाल सकते हैं। आप गाय का दूध 10 महीने से अधिक उम्र के शिशु के लिए ही प्रयोग कर सकते हैं।