(www.arya-tv.com) लखनऊ केजीएमयू के बाद लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में सबसे अधिक बेड होंगे। लोहिया की इमरजेंसी 150 बेड की होगी। अभी 48 बेड पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। बेड बढ़ने से गंभीर मरीजों का इलाज आसान होगा।
लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में रोजाना 150 से 200 मरीज आ रहे हैं। बेड की कमी से मरीजों की भर्ती में दिक्कते हो रही हैं। ऐसे मरीज दूसरे संस्थानों की ओर रुख करने को मजबूर हैं। मरीजों की दुश्वारियों को देखते हुए संस्थान प्रशासन ने इमरजेंसी में बेड बढ़ाने का फैसला किया। संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद के मुताबिक इमरजेंसी के निकट राजकीय निर्माण निगम के पास बड़ा हाल था। अब वह हॉल खाली हो चुका है। इसे इमरजेंसी के लिए दुरुस्त कराया जा रहा है। इसमें करीब 80 से अधिक बेड लग जाएंगे। वहीं 18 बेड ट्रॉयज एरिया में बढ़ाए जाएंगे। निदेशक ने बताया कि इमरजेंसी सेवाओं को दुरुस्त करने की दिशा में कवायद तेज चल रही है। प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। दो महीने में इमरजेंसी पूरी तरह से तैयार हो जाएगी।
केजीएमयू की इमरजेंसी में सबसे ज्यादा बेड हैं। यहां तीन स्थानों पर इमरजेंसी भर्ती हो रही है। ट्रॉमा सेंटर में 400 बेड हैं। क्वीनमेरी और लॉरी कॉर्डियोलॉजी विभाग में अलग इमरजेंसी सेवाओं का संचालन हो रहा है। इसके बाद बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में 40 से अधिक बेड हैं। इसी तरह सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में बेड हैं। ऐसे में केजीएमयू के बाद लोहिया की इमरजेंसी में सबसे ज्यादा बेड होंगे। इससे मरीजों को समय पर मुकम्मल इलाज मिल सकेगा। वहीं ट्रॉमा पर मरीजों का दबाव भी कम होगा।
डॉ. सोनिया नित्यानंद के मुताबिक मरीजों को सस्ती दर पर दवाएं मुहैया कराने के लिए हॉस्पिटल ब्लॉक में काउंटर बनाए गए हैं। हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के स्टोर से मरीज 50 से 60 प्रतिशत कम कीमत पर दवाएं हासिल कर सकते हैं।