कानपुर में भी जाएगी गंगा-यमुना के बीच बहने वाली तीसरी धारा, जानें क्या है पूरा मामला

Kanpur Zone UP

कानपुर(www.arya-tv.com) प्रयागराज और इसके आसपास पिछले लंबे समय से चल रही विलुप्त सरस्वती (गंगा-यमुना के बीच बहने वाली तीसरी धारा) की खोज अब कानपुर में भी की जाएगी। नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद (एनजीआरआई) और डेनमार्क के विशेषज्ञों की टीम इस काम को अंजाम देने में जुट गई है।

गंगा-यमुना के बीच तीसरी धारा को खोजने का काम काफी समय से मंझनपुर से प्रयागराज और प्रयागराज से कौशांबी के बीच चल रहा है। इस खोज में पता चला है कि गंगा और यमुना नदी के बीच करीब 1000 फीट नीचे एक तीसरी धारा सूखी हुई अवस्था में है।

अभी तक की जांच में उसकी लंबाई 14 किलोमीटर मिली है। एनजीआरआई और डेनमार्क विशेषज्ञों की टीम अब तीसरी धारा को खोजने का काम अब कौशांबी से लेकर कानपुर के बीच करेगी। विशेषज्ञों की टीम ट्रांजिट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिस्टम के जरिये जमीन से करीब 200 से 400 मीटर नीचे मिट्टी, कंकड़ और पत्थर का पता लगाया जाता है।

उसके बाद उसकी कार्बन डेटिंग के जरिये उम्र निकाली जाती है। सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड के वैज्ञानिक शशि कुमार के अनुसार जमीन से करीब 300 मीटर नीचे तीसरी धारा का पता लगाकर उसे फिर से प्रवाह में लाने की योजना है। उनके मुताबिक तीसरी धारा है तो अवरोध (बालू, मिट्टी, कंकड़ आदि) हटते ही फूट पड़ेगी।

कानपुर में गंगा नदी के साथ-साथ जमुना की धारा भी बुंदेलखंड को अलग करते हुए कानपुर देहात से होते हुए आगे बढ़ती है। एनजीआरआई की टीम इन क्षेत्रों में सर्वे अभियान चलाएगी। टीम ने अभी तीसरी धारा का कोई नाम नहीं दिया है। फिर भी माना जा रहा है कि यह गंगा-यमुना के बीच बहने वाली विलुप्त सरस्वती है। इसका उल्लेख पुराणों के अलावा वैज्ञानिकों की तरफ से भी किया जाता है।