18 मौतों के बाद जागा परिवहन विभाग:जिन बसों का एक साल में पांच बार चालान कटा होगा, उनका परमिट होगा रद्द

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(www.arya-tv.com)बाराबंकी सड़क हादसे में 18 मौतों के बाद परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा को लेकर सक्रिय हो रहा है। शनिवार को राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय के में प्रमुख सचिव परिवहन आरके सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिस बसों का एक साल में पांच बार चालान कटा हो उनका परमिट रद्द किया जाए।

परिवहन मुख्यालय के सभागार में हुई बैठक में परिवहन आयुक्त धीरज साहू के साथ एनएचएआई के अधिकारी भी मौजूद रहे। इसमे प्रदेश भर के संभागीय परिवहन अधिकारियों को ऑनलाइन जोड़ा गया। मीटिंग में सड़क सुरक्षा और बाराबंकी जैसे हादसों को रोकने के लिए 9 बिंदुओं पर गहन चर्चा हुई। इसमे सबसे मुख्य रूप से ओवरलोडिंग को रोकना और डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई विचार विमर्श किया गया।

हादसों की रोकथाम के लिए इन पॉइंट्स हुए निर्णय

  • ऑल इण्डिया, ऑल यूपी परमिट वाली ऐसी बसें जिनका एक साल में पांच बार चालान कटा हो उनका परमिट रद्द होगा।
  • मोटर वाहन नियमों के उलंघन में पकड़ी गई बसों को थानों में बंद करवाने के लिए पर्याप्त जगह की मांग के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। थानों में जगह कम होने पर जनपद के परिवहन निगम के डिपों की अभिरक्षा में दिया जाये।
  • लम्बे समय से पुलिस थानों में बन्द वाहनों की नीलामी जल्दी करवाकर केस का डिस्पोजल किया जाये।
  • इण्टरसेप्टर वाहनों से ओवरस्पीडिंग के चालान किए जायें और ब्रेथ एनॉलाइजर का प्रयोग कर ड्रकेंन ड्राइव रोकने का अभियान चलाया जाए।
  • यातायात नियमों का उलंघन करने वाले वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई में तेजी लाई जाए।
  • वाहन की फिटनेस करते यह सुनिश्चित किया जाये कि उनकी बस बॉडी का फैब्रिकेशन बस बॉडी कोड के अनुसार किया गया हो। बस में एचएसआरपी नम्बर प्लेट लगायी गयी हो या एचएसआरपी नम्बर प्लेट के बुकिंग की रसीद हो।
  • समीक्षा बैठक में एनएचएआई के परियोजना निदेशक को यह निर्देशित किया गया कि एनएचएआई के टोल प्लाजा से ओवरलोड वाहनों की सूचना नियमित रूप से परिवहन कार्यालय को उपलब्ध करायी जाये।
  • एनएचएआई के परियोजना निदेशक को यह भी निर्देशित किया गया कि कम से कम 40 किमी के स्ट्रैच पर पेट्रोलिंग वैन, एम्बुलेंस और रिकवरी वैन खड़ी रहें।
  • प्रदेश के एंट्री और एक्जिट पॉइंट पर चेकिंग करके डग्गामार वाहनों को सीमा में घुसने से रोका जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी बस में परमिट में निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियां न बैठी हों।