डकैती डालने गए बदमाशों ने नहीं डाली डाकैती, जानिए फिर क्या हुआ

Agra Zone

(www.arya-tv.com) डाक्टर दंपती के घर कारपेंटर और उसके साथी 18 सितंबर को दिनदहाड़े डकैती डालने पहुंचे थे। मगर, डाक्टर के घर के सामने निर्माणाधीन मकान में मजदूरों को बोरिंग करता देख उन्होंने अपना प्लान बदल दिया था। अंधेरा होने के बाद वारदात करने की याेजना बनी। सरगना सरगना मुर्शरफ पांचवी फेल है। वारदात का फितूर एक महीने पहले उसके दिमाग में आया था। जिसके तहत उसने डाक्टर के घर और कमरों की अलमारियों की वीडियो तभी अपने मोबाइल से बना ली थी। वारदात को अमलीजामा पहनाने की साजिश 15 दिन से साथियों के साथ मिलकर रच रहा था।

पुलिस की पूछताछ में मुर्शरफ ने बताया उसने एक महीने पहले डाक्टर के पूरे घर की अपने मोबाइल से वीडियो बनाई थी। इसमें कमरों और उनकी अलमारियों की वीडियो थी। इस वीडियो को अपने साथियों को दिखाया था। आलीशान घर देखकर ही दोस्तों ने उससे यहां पर डकैती डालने की कहा। पति-पत्नी दोनों डाक्टर होने के चलते उन्हें पता था कि घर में लाखों रुपये कैश और जेवरात मिलेंगे।

मुर्शरफ ने पुलिस को बताया उनकी योजना डाक्टर के घर दिन में डकैती डालने की थी। क्योंकि घर पर अधिकांश समय डाक्टर दंपती अकेले रहते हैं। डाक्टर सुनीता सागर दोपहर में जबकि डाक्टर जसवंत राय शाम को घर लौटते हैं। उन्होंने तीसरे पहर तीन से शाम पांच बजे के बीच डकैती की योजना बनाई।वह 18 सितंबर को तीसरे पहर तीन बजे एक-एक करके कालोनी में पहुंचे। मगर,डाक्टर के घर के सामने ही प्लाट में बोरिंग चल रही है। वहां पर मजदूरों को काम करता देखकर लौट गए। प्लान में फेरबदल करते हुए अंधेरा होने के बाद डकैती डालने की योजना बनाई। इसके बाद आवास विकास कालोनी में ही टहलते रहे थे।

खंडहर मकान में थे छिपे
मुर्शरफ ने बताया कि वह लोग शाम को करीब पौने आठ बजे एक-एक करके कालोनी में आए। डाक्टर के घर के सामने खाली पड़े खंडहर पड़े मकान में जाकर छिप गए। इस दौरान कालोनी के कुछ लोग टहल रहे थे। उनके वहां से जाते ही रमजान गेट से अंदर डाक्टर के घर में कूद गया। उसने गेट की कुंडी खोलकर सबको अंदर बुला लिया। गेट में दोबारा अंदर से कुंडी लगा दी।

गैराज में आई कार को डकैती में किया प्रयोग, पार्क के पास की थी खड़ी
बदमाशों ने जिस कार का प्रयोग किया, वह आमिर अपने गैराज से लेकर आया था। आमिर कारों में डेंट-पेंट का काम करता है। किसी ग्राहक की कार डेंट के लिए आई थी, उसे लेकर आया था। कार को सीसीटीवी कैमरों से बचाने के लिए उसे कालोनी से दूर सेंट्रल पार्क के पास खडा कर दिया था। उसका बोनट खोल रखा था। जिससे आने-जाने वाले लोगों को लगे कि कार खराब है, उसे सही कर रहे हैं। एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित और इंस्पेक्टर राजेश कुमार पांडेय द्वारा सीसीटीवी कैमरों को चेक करने व आसपास इलाके छानबीन के दौरान भी कुछ लोगों ने संदिग्ध कार काफी देर तक खड़ी होने की जानकारी दी थी। जिसके बाद बदमाशों के कार में आने का शक पुलिस को था।

पुलिस का दावा बदमाशों ने नहीं लूटे जेवरात
एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि डाक्टर के यहां से जेवरात नहीं लूटा गया था। सिर्फ कैश और कुछ चांदी के सिक्के आदि गए थे। जेवरात दूसरे कमरे की गुप्त अलमारी में रखे थे। जिसकी जानकारी कारपेंटर व बदमाशों को भी नहीं थी। अलमारी चेक करने के बाद डाक्टर दंपती को जेवरात मिल गए। उन्होंने पुलिस को भी इस बारे में अवगत करा दिया था।