शासन ने सड़को एवं रास्तो में बने धार्मिक स्थलों को हटाने का दिया निर्देश

Gorakhpur Zone

गोरखपुर (www.arya-tv.com) शासन ने एक जनवरी 2011 के बाद प्रमुख सड़कों एवं रास्तों पर बने धार्मिक स्थलों को हटाने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन का दावा है कि यहां पहले ही 100 से अधिक धार्मिक स्थलों को हटाया जा चुका है।

सर्वाधिक धार्मिक स्थल मोहद्दीपुर-जंगल कौडिय़ा मार्ग चौड़ीकरण एवं गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्य के दौरान हटाए गए हैं। शहर क्षेत्र में ऐसे करीब 30 से अधिक धार्मिक स्थल चिन्हित किए गए थे। कई स्‍थानों पर अभी भी धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जिनको चिन्हित कर सूची बनाया जाएगा।

एक जनवरी 2011 के बाद निर्मित सभी धार्मिक स्‍थल हटेंगे

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने सभी जिलों से सड़कों के किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने का निर्देश दिया है, जिनका निर्माण एक जनवरी 2011 के बाद हुआ है। इससे पहले बने धार्मिक स्थलों को निजी भूमि पर शिफ्ट किया जाएगा।

विकास कार्यों के चलते पहले ही हो गई कार्रवाई

जिले में बड़े पैमाने पर विकास कार्य किए जा रहे हैं। जिसके कारण प्रमुख सड़कों एवं रास्तों के किनारे बनाए गए धार्मिक स्थलों को पहले ही हटाया जा चुका है। 2017 में भी शासन की ओर से इसके बारे में जानकारी मांगी गई थी। मोहद्दीपुर-जंगल कौडिय़ा फोरलेन पर करीब 25 छोटे-बड़े धार्मिक स्थलों को या तो तोड़ा गया है या कहीं और शिफ्ट किया गया है।

इसी तरह शहर में भी कई धार्मिक स्थल हटाए जा चुके हैं। गोरखपुर-वाराणसी फोरलेेन निर्माण के कारण भी 20 से अधिक धार्मिक स्थलों को हटाया गया। गोरखपुर-कालेसर रोड पर मोक्षधाम के पास कई वर्षों से स्थापित बगहा बाबा मंदिर को पीछे शिफ्ट किया गया है। यह मंदिर चौड़ीकरण के बाद सड़क पर आ रहा था। आगे के हिस्से को तोड़कर मार्ग को सीधा किया जा चुका है। इसके साथ ही कई अन्य सड़कों पर भी धार्मिक स्थल हटाए गए हैं।

अभी भी हैं कुछ धार्मिक स्थल

नौसढ़ से कालेसर के बीच एक छोटा धार्मिक स्थल अभी नहीं हटाया गया है। उसके लिए भी जमीन चिन्हित कर ली गई है। गोरखपुर विश्वविद्यालय डाकघर के पास बने धार्मिक स्थल को भी अभी शिफ्ट नहीं किया गया है। प्रशासन की सूची में यह धार्मिक स्थल भी शामिल है। कुछ समय पहले इसका कुछ हिस्सा तोड़ा गया था। माना जा रहा है कि विश्वविद्यालय मार्ग के चौड़ीकरण के दौरान इसे शिफ्ट किया जाएगा। इसी तरह गोड़धोइया नाले पर पुल से सटे ही एक धार्मिक स्थल बना हुआ है।

दो महीने में बनानी है सूची

शासन के निर्देश पर जिला स्तर पर दो महीने में सूची तैयार की जाएगी। हालांकि प्रशासन की मानें तो सड़कों पर पडऩे वाले सभी धार्मिक स्थल हटाए जा चुके हैं लेकिन शासन का निर्देश आने के बाद एक बार फिर जानकारी जुटायी जाएगी।

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि जो भी प्रमुख मार्ग हैं, उनके निर्माण के दौरान किनारे रहे धार्मिक स्थलों को हटाया गया है। विकास के महत्व को समझते हुए स्थानीय लोगों ने भी इसमें सहयोग किया है। अधिकतर स्थलों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया गया है।