वन विभाग ने किसानों के लिए पिंडरा में बांस की नर्सरी की तैयार, ये होंगे लाभ

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वाराणसी  (www.arya-tv.com) किसानों की आय बढ़ाने के लिए वन विभाग पिंडरा में बांस की नर्सरी तैयार कर रहा है। नर्सरी में तैयार पौधे अगले साल किसानों को सीधे मिलेंगे। दूसरे प्रदेशों से बांस के पौधे मंगाने से वन विभाग और किसानों को फुर्सत मिल जाएगी। पहले चरण में वन विभाग पांच हजार पौधे तैयार करने का लक्ष्य रखा है।

इतने पौधे तैयार होने के साथ विभाग दूसरे चरण की तैयारी शुरू कर देगा। वन विभाग पौधे देने, लगाने और उसके संरक्षण के लिए 50 फीसद सब्सिडी देगा, बाकी पैसा किसान लगाएगा। किसानों को प्रति हेक्टर 450 पौधे लगाने हैं। इसके एवज में प्रति हेक्टेयर 27 हजार रुपये अनुदान मिलेगा।

राष्ट्रीय बांस अभियान योजना के तहत किसानों के लिए योजना लाई गई है। अब सरकार किसानों की आय दोगुना नहीं, बल्कि तीगुना आय करने के लिए रणनीति बना रही है। भारत सरकार ने पहले वर्ष-2018 में बांस को पेड़ की श्रेणी से हटा दिया जिससे किसानों को बांस की खेती करने के साथ उन्हें कटाई करने में कोई परेशानी नहीं हो। यह आदेश सिर्फ किसानों के लिए जारी किया गया।

यदि कोई सरकारी या वन विभाग की जमीन पर बांस की खेती करता है तो उसे काटने से पहले आदेश लेना होगा। आदेश नहीं लेने पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। वन विभाग अभी तक बांस के पौधे मध्य प्रदेश, लखनऊ समेत जनपदों से मंगाता था। इसके बाद किसानों को देता था लेकिन रास्ते में ज्यादातर पौधे खराब हो जाते थे।

136 में से 10 प्रजाति ज्यादा उपयोगी

बांस की एक-दो नहीं, बल्कि करीब 136 प्रजातियां होती हैं। हर प्रजाति अलग-अलग काम में उपयोग किया जाता है। सामान्य तौर पर 10 प्रजातियों को लोग अधिक उपयोग करते हैं। इन प्रजातियों के बांस काफी मजबूत और टिकाऊ होते हैं।

आठ से 10 हजार रुपये होगा मुनाफा

पहाड़ी क्षेत्रों में बांस तीन से चार साल में तैयार हो जाता है। यहां बांस की लंबाई कम होती है लेकिन पूर्वांचल बांस की खेती तैयार होने में पांच से छह साल लगते हैं। पांच साल में एक पौधे में कम से कम 10 बांस तैयार होते हैं। इसी प्रकार हर साल बांस की संख्या बढ़ती रहती है। करीब 20 साल तक किसान बांस की खेती का फायदा उठा सकता है। किसान को हर साल आठ से 10 हजार रुपये मुनाफा मिलेगा।

बांस से फायदे

-फ्लोरिंग, फर्नीचर, हैंडीक्रॉफ्ट और ज्वैलरी बनाकर, साइकिलें, मकान बनाने, सीढ़ी, घेराबंदी तथा वर्तमान में बांस से घर तक बनाए जा रहे हैं जो आकर्षण का केंद्र रहता है।

इन पौधों को करेगा तैयार

बैंबूसा बलकोआ, बंबूसा न्यूतांस, बांबूसा गीगंटिकस, बंबुसा तुल्डा।

बनारस में पहली बार बांस की नर्सरी तैयार की जा रही है

बनारस में पहली बार बांस की नर्सरी तैयार की जा रही है। नर्सरी बनाने के साथ पौधे तैयार करने का काम शुरू हो गया है। अगले साल किसानों को बांस के पौधे आसानी से मिलेंगे। पूरी तरह से नर्सरी तैयार होने के साथ पौधे तैयार करने का लक्ष्य बढ़ा दिया जाएगा।