मुख्यमंत्री मथुरा के दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए

Lucknow

(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दीक्षान्त समारोह भारत की प्राचीन गुरुकुल परम्परा में होने वाले समावर्तन समारोह का ही एक रूप है। आज दीक्षान्त समारोह दीक्षा के अन्त में आयोजित किये जाते हैं।

मुख्यमंत्री जनपद मथुरा के जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। स्नातक, परास्नातक तथा डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषा ने धर्म को कभी उपासना विधि के साथ जोड़कर नही देखा। व्यक्ति का पूजा करना अथवा न करना, मन्दिर जाना अथवा न जाना, यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया योग को अपना रही है। प्रधानमंत्री जी ने 21 जून की तिथि को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में वैश्विक मंच पर रखा है। योग में बहुत सी समस्याओं का समाधान करने की क्षमता है। यह शारीरिक और मानसिक विकास के साथ ही, बौद्धिक उन्नयन के लिए भी आवश्यक है। यह विज्ञान को उस स्थिति तक पहुंचाने में सक्षम है, जहां पर विज्ञान की सीमाएं समाप्त होती हैं। भारतीय मनीषा इस सीमा से आगे गई है। यही अध्यात्म है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों में रोजगार हेतु देश एवं प्रदेश के युवा जाते हैं। इन युवाओं को उस देश में रोजगार हेतु मांग के अनुरूप तकनीकी रूप से सक्षम बनाने हेतु विभिन्न प्रकार की प्रयोगशालाओं का निर्माण करने तथा प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है। जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के ऊपर ब्रज भूमि का उपकार है। सभी विद्यार्थी जिन्होंने यहां की विभिन्न संस्थाओं से अध्ययन किया है, उन्हें ब्रज भूमि के विकास हेतु कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने विश्वविद्यालय परिसर में कौशल एवं उद्यमिता विकास केन्द्र का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।