आगरा में जहरीली गैस के कारण 15 मिनट में उजड़ गया सुरेंद्र का संसार, जानें क्या है पूरा मामला

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आगरा(www.arya-tv.com) आगरा में फतेहाबाद के परतापुरा गांव के रहने वाले किसान सुरेंद्र शर्मा के घर के बाहर हुए हादसे ने परिवार का वंश ही उजाड़ दिया। तीन बेटों हरिमोहन, अविनाश और अनुराग की मौत के बाद सुरेंद्र और उनकी पत्नी राधा बेसुध हैं। उन्हें गांव के लोग संभाल रहे हैं। वह एक ही बात कह रहे हैं कि अब कौन सहारा बनेगा। कौन बुढ़ापे की लाठी बनेगा। गांव में रात में चूल्हे तक नहीं जले।

सुरेंद्र शर्मा किसान हैं। उनका सबसे बड़ा बेटा हरिमोहन फतेहाबाद के डीएलएमएस इंटर कालेज में कक्षा 11 और दूसरे नंबर का बेटा अविनाश हाईस्कूल में पढ़ता था, जबकि सबसे छोटा अनुराग एनसी कान्वेंट स्कूल में कक्षा छह का छात्र था। तीनों बेटे ही पढ़ाई में अव्वल थे। मां-बाप के कामकाज में हाथ बंटाते थे। अनुराग मां का लाडला था। तीनों बेटों के गड्ढे में गिरने पर मां राधा ने शोर मचाया था। इस पर गांव के लोग आ गए।

खेत पर सुरेंद्र काम करने गए थे। वह भी बाद में आए। तीनों बेटों के निकलने के बाद सांसें भी नहीं चल रही थीं। इस पर मां का दिल बैठ गया। वह बेहोश होकर गिर पड़ी। वहीं पिता सुरेंद्र शर्मा भी बेसुध हो गए। मां को गांव की महिलाएं और पिता को लोग संभाल रहे थे। गांव के लोग एक ही बात बोल रहे थे कि हादसे ने सुरेंद्र की दुनिया ही उजाड़ दी। उसका अब कोई वंश नहीं रहा। तीनों बेटों की अर्थी एक साथ ही उठेंगी।

सुरेंद्र की पत्नी राधा बेटों की मौत की खबर से बेहोश हो गईं। वह जब भी होश में आईं, तब एक ही बात बोल रही थीं कि मेरे लाडलों तुम कहां चले गए। अब कौन मुझे मां कहकर पुकारेगा। किसको मैं बेटा कहकर बुलाऊंगी। अब तो कोई सहारा भी नहीं है। पिता को कौन खेतों पर लेकर जाएगा।

काम में कौन हाथ बंटाएगा। मेरे बेटों एक बार लौटकर आ जाओ। मैं फिर कभी तुम्हें अपने पास से दूर नहीं जाने दूूंगी। मां का कलेजा ही फटा जा रहा था। मां का हाल देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। राधा को महिलाएं किसी तरह संभाल रही थीं। यही कुछ हाल पिता सुरेंद्र का भी था