भेड़ाघाट में छात्रा डूबी, बचाने में छात्र-टीचर बहे:इंस्टाग्राम रील बनाते वक्त बिगड़ा बैलेंस

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(www.arya-tv.com)  भेड़ाघाट में टीचर और दो स्टूडेंट्स नर्मदा में डूब गए। कटनी के विजयराघवगढ़ से टीचर और 8 स्टूडेंट्स का ग्रुप बुधवार दोपहर न्यू भेड़ाघाट में पिकनिक मनाने पहुंचा था। छात्र रेलिंग पार करके नदी के किनारे इंस्टाग्राम रील बनाने लगे। इस बीच छात्रा का पैर फिसल गया। उसे बचाने की कोशिश में एक छात्र और टीचर भी बह गए। छात्रा का शव घटना के 1 घंटे बाद चट्‌टानों में फंसा हुआ मिला, लेकिन बचाने गए छात्र और टीचर अब भी लापता हैं।

छात्र अभिषेक चौधरी ने बताया कि टीचर राकेश आर्य (30) पैरामेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए लेकर आए थे। चार दोस्त प्रभाव लोधी, अनिल रैदास, सत्यम बारी और वह एक दिन पहले यानी सोमवार को ही जबलपुर आ गए थे, जबकि धनेश्वरी, खुशबू सिंह और राम साहू मंगलवार सुबह पहुंचे थे। हम सभी बचपन के दोस्त हैं। 8th क्लास तक साथ पढ़े हैं। सभी दीनदयाल चौक में एक होटल में रुके थे।

ऐसे पहुंचे भेड़ाघाट
अभिषेक ने बताया कि सीजीएस कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद हम रूम देखने गए थे। हम वहां पहुंचे तो मकान मालिक नहीं थे। वह चाबी पड़ोसी को दे दिया करते थे और पड़ोसी भी घर पर नहीं थे। ऐसे में चाबी नहीं मिली और हम सबने मिलकर भेड़ाघाट जाने का प्लान बनाया। इसके बाद सभी ऑटो से भेड़ाघाट पहुंचे।

खुशबू ने कहा था- 4 साल यहीं रहना है…
छात्रा धनेश्वरी सोनी के मुताबिक भेड़ाघाट पहुंचने के बाद सभी रोपवे में घूमे। थकान महसूस होने पर हाथ-मुंह धोने के लिए संगमरमर के पत्थरों पर बैठ गए। साथी छात्र इंस्टाग्राम रील बनाने लगे। खुशबू ने उन्हें मना किया और कहा कि 4 साल तक हमें यहीं रहना है, बाद में रील बना लेंगे। लेकिन, छात्र नहीं माने और इंस्टाग्राम में रील बनाने लगे। खुशबू उठने लगी, तभी वह डिस्बैलेंस होकर बहाव में गिर गई। टीचर राकेश ने हाथ पकड़कर बचाने की कोशिश की, लेकिन बहाव तेज होने की वजह से वह भी बह गए। दोनों को बचाने के लिए छात्र राम साहू ने भी कोशिश की, लेकिन वह भी नर्मदा के तेज बहाव में बह गया।

रूम को साफ कर खरीदारी करने की थी तैयारी
घटना के बाद छात्रों ने डायल 100 को कॉल किया, लेकिन कॉल नहीं लगा। स्थानीय लोगों ने तिलवारा थाने की पुलिस को सूचना दी। कुछ देर बाद ही खुशबू का शव दिखाई दिया। गोताखोरों ने उसे निकाला। राम साहू और टीचर राकेश की खोज देर रात तक की गई। भेड़ाघाट घूमने के बाद छात्रों का प्लान फिर से रूम जाकर देखना था। साफ-सफाई कर बाजार से पलंग बिस्तर आदि की खरीदारी करने की भी तैयारी थी।