संगमनगरी में गंगा के जल का छात्रों ने किया निरीक्षण जल को बताया शुद्ध और निर्मल

Prayagraj Zone

प्रयागराज (www.arya-tv.com) शोध छात्रों ने गंगाजल की सैंपलिंग कर स्वच्छता मापी। सकारात्मक निष्कर्ष निकलने पर जानकारी साझा की। संगमनगरी में गंगा का जल शुद्ध और निर्मल है। आइए स्नान और आचमन कीजिए, गंगा पूरी तरह स्वच्छ हैं। यह कहना है गंगा सेवा मंच के संस्थापक अध्यक्ष व सीएमपी डिग्री कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रमोद शर्मा का। उनके नेतृत्व में शोधार्थियों ने संगम स्थल, सच्चा बाबा आश्रम और अक्षय वट के सामने से जल की सैंपलिंग की। इसमें यह निष्कर्ष निकला कि पानी मानक के अनुरूप है। जल की गुणवत्ता का निर्धारण करने वाले फिजिको केमिकल के कुछ पैरामीटर के साथ हैवी मेटल्स और टॉक्सिसिटी की जांच की जाएगी।

सोमवार को जल का ताप, पीएच मान, टीडीएस सैंपलिंग स्थल पर ही परखी गई, जो मानक के अनुसार सही पाई गई। शोधार्थी अनन्या सिंह ने बताया कि अरैल की तरफ यमुना में गिर रहे नाले के पास पानी की सैंपलिंग की गई। शोध के दौरान यमुना के जल के टीडीएस (टोटल डिजॉल्व सालिड) की मात्रा गंगाजल से अधिक है। शोध छात्र अतुल श्रीवास्तव के मुताबिक, संगम पर टीडीएस 402 पीपीएम, पीएच 8.4, ताप 20.1 डिग्री सेंटीग्रेड था। जबकि सच्चा बाबा आश्रम के पास पीएच 8.3 , ताप 21.6 व टीडीएस 470 था। इसके अलावा अक्षय वट के सामने पीएच मान 8.1, टीडीएस 695 व ताप 23 था। शोधार्थी शौर्य प्रताप सिंह ने बताया कि यमुना का टीडीएस गंगा की अपेक्षा थोड़ा ज्यादा है। उधर, सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक औसतन डीओ (डिजॉल्व ऑक्सीजन) 8.9, बीओडी (बायोलॉजिक ऑक्सीजन डिमांड) 2.5, कोलिफार्म 3510 व फीकल कोलिफार्म 1473 रहीं, जो स्वच्छता को दर्शाता है।