चेयरमैन ने सफाई मित्रों को लूटा, पूर्व चेयरमैन ने लगाया करोड़ों रुपए के पीएफ घोटाले का आरोप

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(www.arya-tv.com)गोंडा नगर पालिका परिषद की चेयरमैन उज़्मा राशिद की कर्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। भाजपा नेता और पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, गोंडा रूपेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ निर्मल श्रीवास्तव (एडवोकेट) ने उन पर पद के दुरुपयोग और करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। शुक्रवार को लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करते हुए रूपेश श्रीवास्तव ने कहा कि आजम खां से करीबी होने के नाते रामपुर नगर पालिका की बैलेंस शीट को कॉपी पेस्ट करके गोंडा नगर पालिका की बैलेंस शीट बना दी गई और सफाई मित्रों के पीएफ के पैसे का गबन कर दिया गया।

रूपेश श्रीवास्तव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने अपने आरोपों के सम्बंध में दस्तावेज पेश किए। आरोपों के अनुसार उज़्मा राशिद 12 दिसम्बर 2017 से चेयरमैन हैं और चेक बुक के अतिरिक्त किसी अन्य अभिलेख पर कभी हस्ताक्षर नहीं किया है। उनके इस कृत्य के चलते सफाई कर्मचारियों के पीएफ खाते की धनराशि में करोड़ो रूपये का घपला हो चुका है। घोटाले को छिपाने के लिए चेयरमैन ने शासन को आज तक इस सम्बन्ध में कोई जानकारी भी नहीं दी और कूट रचित दस्तावेजों की मदद से इसे छिपाने का प्रयास किया है। यही नही अपने आपको और नगर पालिका गोंडा के अधिशासी अधिकारी विकास सेन को बचाने के लिए नाम मात्र के लिए एक एफआईआर थाना कोतवाली नगर गोण्डा में दर्ज करा दी गई। इस एफआईआर में केवल एक लिपिक को आरोपी बना दिया गया।

रूपेश कुमार के अनुसार सफाई कर्मियों के पीएफ घोटाले को अंजाम देने के लिए के लिए पीएफ लिपिक के पद पर उज़्मा राशिद ने साजिशन अपने चाचा मुशफिक को तैनात कर दिया जबकि वे खुद एक सफाई कर्मी के पद पर तैनात हैं। आरोपों के अनुसार उज़्मा राशिद और उनके पिता कमरुद्दीन के बताए गए फर्जी सफाई कर्मियों के खातों में मुशफिक पैसे ट्रांसफर करता रहा। सफाईकर्मी को पीएफ क्लर्क बनाया जाना सरकार के नियमों का उल्लंघन है। चेयरमैन ने खातों का वार्षिक अंकेक्षण भी नहीं कराया है, जिससे घोटाले की रकम लगातार बढ़ती जा रही है।

षणयंत्र के तहत उपभोक्ता फोरम में किया केस

चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी षड्यंत्र के तहत खुद ही राज्य उपभोक्ता फोरम गए और वहां केस दाखिल कर दिया। इस केस में इलाहाबाद बैंक, इण्डियन बैंक व स्टेट बैंक को ही विपक्षी पक्षकार बना दिया गया है। केस में दावा किया गया है कि पीएफ की वसूल की जाने वाली धनराशि 2 करोड़ 21 लाख 93 हजार 9 सौ 22 रूपया अंकित है, जबकि यह रकम कहीं अधिक है, जिसकी जांच जरूरी है। आयोग के समक्ष प्रस्तुत दावे में नगर पालिका परिषद की ओर से यह भी स्वीकार किया गया है कि सम्बन्धित सफाई कर्मी / पीएफ खाता धारक व नगर पालिका परिषद को बृहद स्तर पर घोटाले के कारण आर्थिक क्षति हुई है।

रूपेश कुमार का आरोप है कि इतनी बड़ी धनराशि की हेरफेर होने के बावजूद चेयरमैन ने जनपद के किसी भी उच्च अधिकारी के सामने आज तक कितनी आर्थिक क्षति हुई है न तो इसका खुलासा किया और न ही उन्हें इसकी सूचना दी। रूपेश कुमार का कहना है कि मामले की शिकायत जब देवी पाटन मंडल के कमिश्नर से की गई तो उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की संस्तुति भी की, लेकिन इसके बाद भी चेयरमैन और उनके सहयोगियों की भूमिका की कोई जांच नही हुई।

रामपुर की बैलेंसशीट को गोंडा का बना दिया गया

रूपेश कुमार का यह भी आरोप है कि रामपुर नगर पालिका की बैलेन्सशीट को छेड़छाड़ कर के नगर पालिका गोंडा की बैलेन्सशीट बना दी गई है, जिसमें CA अलग-अलग है, लेकिन दोनों के फोन नम्बर एक ही अंकित हैं। नगरपालिका गोण्डा की बैलेन्सशीट के पहले पन्ने पर कौशल किशोर एण्ड एशोसिएट का हस्ताक्षर है और अन्य दो पन्नों पर संचित अग्रवाल एण्ड एशोसिएट के हस्ताक्षर हैं, जो दिखाता है कि चेयरमैन के इशारे पर फर्जी बैलेन्सशीट बनाकर नगरपालिका की सम्पत्ति आय व अन्य विवरण को साजिशन छिपा लिया गया है। इस मामले में जिलधिकारी गोंडा के निर्देशों के बावजूद नगर पालिका परिषद गोण्डा में पीएफ घोटाले के सम्बन्ध में कार्यवाही नहीं की गयी और घोटाले पर पर्दा डालने का प्रयास जारी है। रूपेश कुमार ने मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ से अपील की है कि प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए।