साउथ कोरिया की संसद में हंगामा, सांसदों ने कॉलर पकड़े

International

(www.arya-tv.com) साउथ कोरिया की संसद में शुक्रवार को प्रधानमंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू को महाभियोग चलाकर पद से हटा दिया गया। उन्हें हटाने के पक्ष में 192 वोट पड़े, जबकि इसके लिए 151 वोटों की जरूरत थी। महाभियोग की वजह से संसद में काफी हंगामा हुआ। इस वजह से सांसदों ने एक-दूसरे के कॉलर पकड़ लिए।

कार्यवाहक राष्ट्रपति के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के खिलाफ में एक भी वोट नहीं पड़ा क्योंकि सत्ताधारी पार्टी ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया।

अब वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालेंगे। चोई सांग ने 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लगाने का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी बताया था।

यून सुक योल ने 3 दिसंबर को देश में इमरजेंसी (मार्शल लॉ) लगा दिया था। हालांकि विपक्ष की कोशिशों से यह सिर्फ 6 घंटे के लिए ही लागू रह पाया। विपक्षी पार्टी ने संसद में वोटिंग के जरिए मार्शल लॉ प्रस्ताव को अवैध घोषित कर दिया था।

इसके बाद साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग चलाकर हटा दिया गया था। इसके बाद 14 दिसंबर को हान डक-सू को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था, लेकिन वे इस पद पर सिर्फ 13 दिन ही रह पाए।

स्पीकर ने विपक्षी पार्टी के हित में फैसला सुनाया

साउथ कोरिया की संसद में शुक्रवार को वोटिंग के दौरान खूब हंगामा हुआ। दरअसल स्पीकर ने कहा कि कार्यवाहक राष्ट्रपति को हटाने के लिए 50% सांसदों के वोट चाहिए होंगे। ऐसे में सिर्फ 151 सांसदों की वोटिंग से कार्यवाहक राष्ट्रपति को हटाया जा सकता था। संसद में विपक्षी पार्टियों के पास 192 सीटें हैं। ऐसे में कार्यवाहक राष्ट्रपति को हटाना आसान हो गया।

सत्ताधारी पार्टी जिनसे पास सिर्फ 108 सीटें हैं, उन्होंने इसका विरोध किया। इससे पहले राष्ट्रपति यून को हटाने के लिए 200 सीटों की जरूरत पड़ी थी। महाभियोग सफल होने के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति हान ने कहा कि वह संसद के फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे।

कार्यवाहक राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव क्यों लाया गया?

साउथ कोरिया में इमजरेंसी लगाने वाले यून सुक योल को महाभियोग चलाकर पद से हटा दिया गया है। हालांकि उन्हें पूरी तरह पद से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट के 9 में से 6 जज अगर उनके पक्ष में फैसला सुनाते हैं तो वे फिर से देश के अलगे राष्ट्रपति बन जाएंगे।

इसमें समस्या यह है कि अभी साउथ कोरिया के सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ 6 जज हैं। ऐसे में एक जज भी यून सुक योल के पक्ष में वोटिंग कर उन्हें फिर से देश का राष्ट्रपति बना सकता है। यही वजह है कि विपक्षी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में खाली हुए 3 सीटों को भरना चाहती है, लेकिन कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने इससे इनकार कर दिया।