श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: बाल गोपाल की पूजा के लिए 45 मिनट का ​शुभ मुर्हुत

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(www.arya-tv.com) श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत महोत्सव इसबार 30अगस्त को  भाद्रपद की कृष्ण अष्टमी सोमवार को 5248 वां जन्मोत्सव को मनाया जाएगा। श्री कृष्ण ने विष्णु के 8वें अवतार के रूप में  भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न में उन्होंने जन्म लिया। उस लग्न पर केवल शुभ ग्रहों की दृष्टि थी। तब रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में लगभग 3112 ईसा पूर्व को उनका जन्म हुआ था।

श्रीहनुमान ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य पंडित प्रभुशंकर शास्त्री के मुताबिक ज्योतिषियों के अनुसार रात 12 बजे उस वक्त शून्य काल था। इस बार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 29 अगस्त 2021 रविवार को रात 11 बजकर 25 मिनट से हो रहा है। इस तिथि का समापन 30 अगस्त दिन सोमवार को देर रात 01 बजकर 59 मिनट पर होगा।

दूसरी ओर रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ 30 अगस्त को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से हो रहा है, जबकि इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर होगा। भगवान श्रीकृष्ण जन्म रात्रि में हुआ था और व्रत के लिए उदया तिथि मान्य है। ऐसे में इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 30 अगस्त को रहेगा। 

दिनभर रख सकते हैं व्रत
इस स्थिति में आप 31 अगस्त को प्रात: 09 बजकर 44 मिनट के बाद पारण कर सकते है, क्योंकि इस समय ही रोहिणी नक्षत्र का समापन होगा। जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले लोग मुख्यत: दिनभर व्रत रखते हैं। रात्रि में बाल गोपाल श्रीकृष्ण के जन्म के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं, उसी समय अन्न ग्रहण करके व्रत का पारण कर लेते हैं। हालांकि कई स्थानों पर अगले दिन प्रात: पारण किया जाता है।

इस दिन सूर्य और मंगल लग्न में स्थित सिंह राशि में रहेंगे। चंद्र और राहु कर्म भाव में वृषभ राशि में और केतु वृश्चिक चतुर्थभाव में रहेंगे। शुक्र और बुद्ध दूसरे भाव में कन्या राशि में रहेंगे। शनि छठे भाव में मकर राशि में रहेंगे और गुरु सप्तम भाव में कुंभ राशि में रहेंगे। इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पूजा मुहूर्त 30 अगस्त की रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। बाल-गोपाल के पूजा की कुल अवधि 45 मिनट है। 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन शुभ संयोग
आनन्दादि योग सुस्थिर- 06:39 प्रात: के बाद वर्धमान।
सर्वार्थसिद्धि योग- अगस्त 30 06:39 प्रात: से अगस्त 31 06:12 प्रात: व्याघात योग 29 अगस्त 06:44 प्रात: से 30  अगस्त 07:46 प्रात: इसके बाद हर्षण योग अगस्त 30 07:46 प्रात: से  31 अगस्त  08:48 प्रात: तक रहेगा। 
निशित काल 30 अगस्त रात 11:59 से लेकर सुबह 12:44 तक और अभिजित मुहूर्त सुबह 11:56 से लेकर दोपहर 12:47 तक और गोधूलि मुहूर्त शाम 06:32 से लेकर शाम 06:56 तक रहेगा। 

व्रत पारायण (समाप्त) का समय
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत पारायण का समय 31 अगस्त को सुबह 09 बजकर 44 मिनट के बाद ही कर सकते हैं। इस समय ही रोहिणी नक्षत्र समाप्त होगा।