लखनऊ की टीले वाली मस्जिद का होगा सर्वे! पक्षकार ने कोर्ट में दायर की याचिका, किए चौंकाने वाले खुलासे

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(www.arya-tv.com) लखनऊ: वाराणसी के ज्ञानवापी का मामला इन दिनों देशभर में सुर्खियों में है. इसी बीच लखनऊ की टीले वाली मस्जिद भी चर्चा में आ गई है. राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी और टीले वाली मस्जिद के पक्षकार शिशिर चतुर्वेदी ने बताया कि निचली अदालत में उन्होंने टीले वाली मस्जिद के सर्वे की याचिका दायर कर दी है. अगली तारीख 15 से 16 फरवरी के बीच लग सकती है. इसका भी सर्वे शुरू हो सकता है. उनके मुताबिक, इतिहास के पन्नों पर यह दर्ज है कि यह टीले वाली मस्जिद नहीं बल्कि लक्ष्मण टीला है. जबकि लखनऊ नगरी लक्ष्मण नगरी है.

शिशिर चतुर्वेदी ने बताया कि लखनऊ का नाम बदलकर लखनपुरी किए जाने की भी मांग की जा चुकी है. जिस दिन कोर्ट में ज्ञानवापी की याचिका लगाई गई थी, उस दिन मुस्लिम पक्ष देर से पहुंचा था. पहले जब मुस्लिम पक्ष को सुनने के लिए कहा गया था, तो उन्होंने कहा कि कॉपी नहीं मिली है. लगातार मुस्लिम पक्ष बहाना बनाता रहा है. दरअसल उनके पास ज्ञानवापी को मस्जिद साबित करने का कोई सबूत ही नहीं था. जबकि हिंदू पक्ष के पास तमाम सबूत हैं, जिससे ज्ञानवापी को मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर साबित किया जा सकता है.

सबूत मिटाने की हुई कोशिश
शिशिर चतुर्वेदी ने बताया कि तमाम सबूत लखनऊ की टीले वाली मस्जिद में भी मौजूद हैं. वहां पर हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मौजूद हैं. एक बार जब टीले वाली मस्जिद की ओर जाने का आह्वान किया गया तो टीले वाली मस्जिद के अंदर के लोगों ने सारे सबूत मिटाने की कोशिश की. पीएसी भेज कर सबूत मिटाने से रोका जा सका. उन्होंने कहा कि जिस दिन टीले वाली मस्जिद का सर्वे होगा, उसमें भी हिंदू देवी देवताओं के ही निशान मिलेंगे. वहीं, शिशिर चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि बाबा की सरकार में लोगों को न्याय मिल रहा है, यह बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि अदालत पर मुस्लिम पक्ष को भी भरोसा रखना चाहिए, क्योंकि अदालत सबूत के आधार पर चलती है. सबूत के आधार पर अदालत फैसला सुनाती है.