SGPGI की ग्लोबल कॉन्फ्रेंस:एक्सपर्ट्स करेंगें मंथन

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com)  SGPGI यानी संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में भविष्य को रोग मुक्त करने पर काम हो रहा हैं। जेनेटिक टेस्टिंग और डाटा इंटीग्रेशन के साथ इसे कांफीडेंटियल रहने पर भी जोर हैं।

यंग कपल में पहले से मौजूद तमाम न्यूरोलॉजिकल और विजन कंप्लीकेशन्स के साथ जेनेटिकल कैंसर से होने वाले बच्चे को कैसे निजात दिलाए। इस मकसद से नेस्ट जनरेशन बेस्ड जेनेटिक टेस्टिंग डायग्नोस्टिक तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा हैं।

एक्सपर्ट्स की माने तो आने वाले समय में ऑफ स्प्रिंग्स को पेरेंट्स के सीवियर कंप्लीकेशन्स से मुक्त करने पर ही काम हो रहा हैं।

इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के मेडिसिनल साइंटिस्ट करेंगे शिरकत

SGPGI में शुक्रवार से 2 दिनों तक दुनियाभर के दिग्गज जेनेटिक मेडिसिनल साइंटिस्ट इसी विषय पर मंथन करेंगे। इस दौरान जीनोमिक डेटाबेस, प्रिसिशन मेडिसिन, कैंसर के जेनेटिकल इंपैट्स के साथ नवजात के कंप्लीकेशन्स और हार्ट डिसीज पर फोकस हैं।

UK, USA और स्विट्जरलैंड के टॉप विशेषज्ञ लखनऊ का रुख करने के साथ जीनोमिक सिक्वेंसिंग और उससे जुड़े रिसर्च के आधार पर प्रसूति रोग विशेषज्ञों और बाल रोग विशेषज्ञों के लिए प्रेग्नेंसी से डिलीवरी और फिर आगे तक बच्चें के बड़े होने तक उसके जेनेटिक रिसर्च पर काम करेंगे।

प्रदेश का पहला संस्थान बना SGPGI

बीते कुछ सालों में SGPGI में तेजी से EXOME एनालिसिस पर काम हुआ हैं। अब तक यहां 500 यूनिक डाटा पर रिसर्च किया जा चुका हैं। सिक्वेंसिंग एनालिसिस के दौरान तमाम छिपे हुए पहलुओं को सामने लाने के अलावा रिसर्च साइंटिस्ट के लिए उस डाटा का सुरक्षित रख-रखाव भी एक भारी चुनौती हैं। एक EXOME का एनालिसिस करीब 10 GB डाटा की जगह लेता हैं। साथ ही इसमें जानकारी भी कुछ ऐसी होती हैं। जिनको सार्वजनिक नही किया जा सकता।

7000 बीमारियों का हो सकेगा खुलासा

डा. शुभा ने बताया कि SGPGI में जीनोम सीक्वेंसिंग से भी ज्यादा एडवांस यानी नेक्स्ट जनरेशन बेस्ड जेनेटिक टेस्टिंग डायग्नोस्टिक सुविधा उपलब्ध हैं। इस प्रयास से करीब 7 हजार आनुवांशिक बीमारियों की पहचान संभव है। इस कांफ्रेंस में अमेरिका के डा. शेरोन प्लान ने डॉक्टरों को टिप्स देकर सिक्वेंसिंग की बारीकियों से रूबरू कराएंगे। SGPGI का मेडिकल जेनेटिक्स विभाग हर साल क्लिनवार की अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट पर दुर्लभ बीमारियों के कई जेनेटिक फीचर्स को प्रस्तुत करता है।

टॉप मेडिसिनल साइंटिस्ट होंगे शामिल

SGPGI के जेनेटिक मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. शुभा फड़के ने बताया कि शुक्रवार शाम को इनॉग्रल सेशन होगा। इसमें IIT कानपुर के निदेशक भी शामिल होंगे। इसके अलावा यूएसए और यूके के 11 टॉप जेनेटिक मेडिसिनल साइंटिस्ट भी आज से सत्र में शामिल होने जा रहे हैं।

SGPGI ने अब तक दिए 46 एक्सपर्ट्स

डॉ. शुभा फड़के ने बताया कि यह देश के सबसे पुराने मेडिकल जेनेटिक डिपार्टमेंट में से एक हैं। यहां के 46 से ज्यादा एलुमनाई ने देश दुनिया में नाम कमाया हैं। अब इनके शोध भविष्य की राह दिखा रहे हैं।