ताकि कैदी अपराध से रहें दूर:अब जेलों में बॉडी वार्म कैमरा पहनकर बंदी रक्षक करेंगे ड्यूटी

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों के कार्य-व्यवहार का अध्ययन कर उन्हें अपराध से दूर रखने के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसके तहत सुरक्षाकर्मी अब जेलों में बॉडी वार्म कैमरे पहनकर ड्यूटी करेंगे। जिनके जरिए कैदियों के व्यवहार की रिकॉर्डिंग होगी। फिर मनोवैज्ञानिक, विधि फॉरेंसिक की मदद से लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के चार राज्य यूपी के अलावा राजस्थान, तेलंगाना, पंजाब में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत बॉडी पेन कैमरा प्रयोग किए जाने के लिए धनराशि की मंजूरी दी गई है। प्रदेश की जेल के लिए 80 लाख धनराशि मिली है।

समझी जाएगी कैदियों की मानसिक स्थिति
पुलिस महानिदेशक कारागार आनंद कुमार ने बताया कि प्रदेश की जेलों में निरुद्ध बंदियों के कार्य व्यवहार की रिकॉर्डिंग शुरू होगी। वीडियो कैमरा, डिस्प्ले यूनिट, वीडियो प्रोडक्शन करने के उपकरण शार्ट वीडियो क्लिप बनाने और उनका विश्लेषण करने के लिए जरूरी उपकरण खरीदे जाएंगे। रिकॉर्डिंग से प्राप्त विजुअल के अध्ययन करके सुझाव देने के लिए मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों व विधि फॉरेंसिक और जेल सुधार विशेष की सेवाएं ली जाएंगी। जेल का स्टाफ यह कैमरे ड्यूटी के दौरान अपने शरीर पर पहनेंगे। जिससे जेल में बंद बंदियों की मानसिक स्थिति समझने में मदद मिलेगी। इन विशेषज्ञों के द्वारा जेल में बंदियों के व्यवहार का अध्ययन करके सुझाए गए उपायों को बंदियों को अपराध से दूर करने के लिए मदद मिलेगी।

मोटिवेशनल क्लिप भी दिखाई जाएगी
बॉडी कैमरा की बैटरी का बैकअप 4 से 5 घंटे होगा। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त बैटरी की भी व्यवस्था रहेगी7 जिससे रिकॉर्ड डाटा सुरक्षित रहे। कंट्रोल रूम की स्थापना भी होगी। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी को इस कंट्रोल रूम का इंचार्ज बनाया जाएगा। एनजीओ फॉर चैरिटेबल इकाइयों के माध्यम से मोटिवेशनल क्लिप्स बनाकर बंदियों और उनसे मिलने वाले शुभचिंतकों को दिखाकर बंदियों को अपराध से दूर करने के लिए यह प्रेरित करेगा।