एसडीएम पत्नी-पति विवाद: SDM बनने से पहले ज्योति मौर्या छोड़ चुकी हैं 3 नौकरियां

Prayagraj Zone

(www.arya-tv.com) इन दिनों उत्तर प्रदेश में एसडीएम पत्नी और पति के विवाद की खूब जमकर चर्चा हो रही है। इनके नाम हैं ज्योति और आलोक मौर्य। आलोक मौर्य ने साल 2010 में जब ज्योति मौर्या से शादी की, उस वक्त ज्योति पढ़ाई कर रही थी। ऐसा दावा एसडीएम ज्योति के चपरासी पति आलोक मौर्य कर रहा है। उसका कहना है कि उसकी शादी लव विद अरेंज हुई है। वह ज्योति को साल 2008 से जानता है। इस कहानी में अब कमांडेड मनीष दुबे की भी एंट्री हो गई है।

बताया जा रहा है कि दोनों के बीच में दरार लाने वाला मनीष दुबे ही है। TV9 भारतवर्ष के हिडन कैमरे के सामने ज्योति के भाई ने ज्योति के पढ़ाई वह नौकरी को लेकर कई बड़े दावे किए हैं। आइए आपको बताते हैं ज्योति कब और क्या बनी?

टीचर बनने में जीजा ने की थी मदद, ज्योति का भाई बोला

TV9 भारतवर्ष के रिपोर्टर ज्योति व आलोक मौर्य के बीच के विवाद और उनकी कहानी को जानने के लिए ज्योति के घर जा पहुंचे। वर्तमान समय में ज्योति धूमनगंज के देवघाट झलवा कॉलोनी में रह रही है। वहां आलोक व उसका परिवार तो नहीं रहता है, लेकिन इस समय ज्योति के घरवाले रह रहे हैं। जब रिपोर्टर वहां पहुंचकर आलोक व उनके परिवार वालों के बारे में पूछना शुरू किया तो एक शख्स ने बताया कि यहां आलोक व उनका परिवार नहीं रहता है यहां ज्योति मौर्या का परिवार रहता है यानी कि मायके वाले रहते हैं।

तब तक यह रिपोर्टर कुछ नहीं समझ पाया कि आखिर यह शख्स है कौन? थोड़ी देर के बातचीत करने पर पता चला कि यह एसडीएम ज्योति मौर्या का छोटा भाई है। उसने कई बड़े खुलासे हिडन कैमरे के सामने किया। ज्योति मौर्या के भाई का कहना है कि उसके जीजा आलोक मौर्य ने उसकी बहन को टीचर बनाने तक में बहुत मदद की। लेकिन जब उसकी बहन टीचर बनी तो वह खुद अपने लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम थीं।

यही नहीं ज्योति मौर्या के भाई का कहना है कि उसकी बहन तीन नौकरियां छोड़ चुकी हैं। यह उसकी चौथी नौकरी है। पहली नौकरी ज्योति ने टीचर की। उसके बाद टीचर रहते ज्योति तैयारी कर समीक्षा अधिकारी बनी। उसके बाद ज्योति का सिलेक्शन लोअर पीसीएस में हुआ। लेकिन ज्योति के ख्वाब और सपने बड़े थे। वह यूपीपीसीएस का एग्जाम निकालकर एसडीएम बनी। यानी कि वह तीन नौकरी खुद छोड़ चुकी है। इससे साफ जाहिर होता है कि कौन किसकी मदद कर रहा है। ऐसा कहना ज्योति मौर्या के भाई का था।

लड़ाई यहां एसडीएम और चपरासी की नहीं विचारों की है, भाई बोला

यही नहीं ज्योति मौर्या के भाई का कहना है कि उसकी बहन एसडीएम बन गई है और उसका जीजा चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है, इसीलिए दोनों लोगों के बीच दरार आ गई है, ऐसा बिल्कुल नहीं है। दोनों के बीच अगर दरार आनी होती तो जब उनकी बहन सन 2015 में एसडीएम बनी। तभी आ चुकी होती। यह दरार 2020 में आनी शुरू हुई है। यह दरार दोनों के विचारों के बीच का है।दीदी और जीजा के ट्विंस दो लड़कियां हैं, जिनकी उम्र 9 साल की है। अब आखिर दीदी और जीजा के बीच दरार कैसे और क्यों आई यह तो वहीं बेहतर बता पाएंगे। फिलहाल मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में हम लोगों ने कोर्ट पर ही छोड़ दिया है।

एसडीएम बनने का क्रेडिट अपने ससुर को दिया था

वहीं आपको बता दें कि जब ज्योति एसडीएम बनी थी तो उन्होंने एसडीएम बनने का क्रेडिट अपने ससुर को दिया था। शादी के बाद ज्योति पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती थी। इसीलिए आलोक ने उसे पढ़ाने में खूब सपोर्ट किया। चाहे वह आर्थिक रूप से हो या शारीरिक रूप से। वह ज्योति को कोचिंग छोड़ने वाले जाने तक खुद जाता था वह कोचिंग के बाहर घंटों देर तक ज्योति के कोचिंग छूटने का इंतजार करता था। ज्योति ने सबसे पहले सरकारी टीचर की नौकरी पाई।

कुछ साल टीचर की नौकरी करने के दौरान ज्योति को किसी प्रशासनिक विभाग में अधिकारी बनने का सपना जगा। फिर आलोक ने ज्योति को टीचर रहते तैयारी करवाई यह भी दावा खुद आलोक ने किया है उ। सके बाद ज्योति समीक्षा अधिकारी बनी। एक साल तक वह लखनऊ में पोस्टेड रहीफ। उसके बाद भी ज्योति का सपना और बढ़ता गया। उन सपनों को पूरा करने में उनका चपरासी पति जुटा रहा।

अंत में ज्योति ने सन 2015 में यूपीपीसीएस का एग्जाम निकालकर एसडीएम बनी। तब जाकर ज्योति का सपना पूरा हुआ। लेकिन जब यह सपना पूरा हुआ तो दोनों के रिश्तो में कुछ साल बाद दरार आने लगी दरार ऐसा आया कि अब ज्योति आलोक से तलाक चाहती है उन दोनों। का मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है । अब उसका चपरासी पति अपनी पत्नी की बेवफाई की कहानी घूम घूम कर बता रहा है।