लेजर लाइट से जोड़ों का दर्द कम कर रहे वैज्ञानिक, जानिए लाइट से कैसे घटेगा आर्थराइटिस का दर्द

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(www.arya-tv.com)ताइवान के वैज्ञानिक लेजर लाइट से जोड़ों का दर्द ठीक करने में जुटे हैं। घुटनों के दर्द से जूझ रहे 20 मरीजों पर वैज्ञानिक इसका ट्रायल कर रहे हैं। उनका दावा है, लेजर लाइट की रोशनी सूरज के मुकाबले 100 गुना ज्यादा चमकदार है। यह आर्थराइटिस के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकती है। इसकी मदद से जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी का खतरा भी घटाया जा सकता है।

लेजर लाइट ऐसे घटा रही दर्द

  • मरीज के हाथों की नस में कैथेटर की मदद से लेजर लाइट डाली जाती है। नस में कैथेटर डालने के बाद 60 मिनट के लिए लेजर लाइट ऑन करते हैं। ऐसा दिन में एक बार करते हैं। यह कोर्स 5 दिन तक चलता है।
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे पूरी बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है। शरीर में पोषक तत्वों और ऑक्सीजन का सर्कुलेशन बढ़ने से जोड़ों में डैमेज हुए टिश्यु रिपेयर होते हैं। इसके अलावा जोड़ों में होने वाली सूजन में भी कमी आती है।
  • वैज्ञानिकों का कहना है, इलाज के नए तरीके से बॉडी में स्टेम सेल भी रिलीज होती हैं जो नए ऊतकों को तैयार करती हैं।

ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को क्यों होता है दर्द
वैज्ञानिकों का दावा है, इस तकनीक से ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को राहत मिल सकती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस आर्थराइटिस का एक प्रकार है, जिसमें जोड़ों के किनारों पर मौजूद कार्टिलेज धीरे-धीरे डैमेज होने लगता है। ऐसा होने पर जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। पेनकिलर्स और एंटी-इंफ्लेमेट्री ड्रग से इसका इलाज किया जाता है। कुछ मामलों में इंजेक्शन भी दिए जाते हैं।

ब्लड सैम्पल लिए जा रहे
रिसर्च के बाद अब मरीजों पर ट्रायल चल रहा है। ताइवान के ट्राई सर्विस जनरल हॉस्पिटल में चल रहे ट्रायल में मरीजों के ब्लड सैम्पल लिए जा रहे हैं। अलग-अलग ग्रुप में तीन दिन, एक महीने और तीन महीने थैरेपी देने के बाद लेजर लाइट के असर को जांचा रहा है। इसके अलावा दर्द का स्तर और जोड़ों के मूवमेंट में दिखने वाले असर का भी पता लगाया जाएगा।