रिजर्व बैंक के रिजर्व फंड को सरकार को ट्रांसफर करने वाले पैनल के प्रमुख बिमल जालान ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उच्च टैक्स दर से उधार लेने या फिर घरेलू निवेश प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति में निवेशक अपने अपने पैसे विदेश भेज सकते हैं।
पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, वाई वेणुगोपाल रेड्डी भी अमीरों पर ज्यादा टैक्स दर लगाने का विरोध कर चुके हैं। उनका कहना है कि लंबे समय में अर्थव्यवस्था के लिए यह खतरा हो सकता है। मालूम हो कि भारत दुनिया के सबसे ज्यादा कॉरपोरेट टैक्स दर लगाने वाले देशों के मामले में टॉप 10 में है।
हालिया बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच करोड़ से ज्यादा सालाना कमाई में वालों पर टैक्स की दर बढ़ाकर 42.7 फीसदी की है। विदेशी निवेशक और रजिस्टर्ड ट्रस्ट भी इस दायरे में आते हैं। खबरों के अनुसार, बजट आने के बाद से विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटीज से 7,712 करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। माना जा रहा है कि अमीरों पर लगाए गए टैक्स के चलते ही विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे है