रवि शास्त्री तीसरी बार बने भारतीय क्रिकेट टीम के कोच

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भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच पद के लिए चली आ रही रस्साकशी आखिरकार शुक्रवार को समाप्त हुई। मुंबई में लगभग शाम सवा छह बजे शुरू हुई प्रेस कांफ्रेंस में एक बार फिर से रवि शास्त्री के नाम पर मुहर लगा दी गई।
टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए 2 हजार से ज्यादा आवेदन आए थे, जिसके बाद कपिल देव की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय क्रिकेट एडवाइजरी काउंसिल ने 6 लोगों को शॉर्ट लिस्ट किया था। जिसमें तीन भारतीय तो तीन विदेशी उम्मीदवार थे। कपिल देव ने बताया कि कोच के दावेदारों के बीच कड़ी टक्कर रही। माइक हेसन दूसरे और टॉम मूडी तीसरे नंबर पर रहे। सीएसी की सर्वसम्मत राय थी कि मौजूदा कोच का ‘संवाद कौशल और टीम से जुड़े मुद्दों की समझ’ अन्य से बेहतर है।

किनसे था शास्त्री का मुकाबला?
शास्त्री का भारतीय टीम के साथ यह चौथा कार्यकाल होगा। वह बांग्लादेश के 2007 के दौरे के समय कुछ समय के लिए कोच बने थे। इसके बाद वह 2014 से 2016 तक टीम निदेशक और 2017 से 2019 तक मुख्य कोच रहे। शास्त्री ने कोच पद की दौड़ में न्यू जीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन, ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी, भारतीय टीम के अपने साथी रॉबिन सिंह और लालचंद राजपूत को पीछे छोड़ा। वेस्ट इंडीज और अफगानिस्तान के पूर्व कोच फिल सिमन्स निजी कारणों से कोच पद की दौड़ से हट गए थे।

रॉबिन, राजपूत और हेसन साक्षात्कार देने के लिए पहुंचे थे जबकि मूडी ने ऑस्ट्रेलिया से स्काइप पर इंटरव्यू दिया। कपिल ने कहा, ‘सभी साक्षात्कार के बाद हमने जो नंबर दिये उस आधार पर नंबर तीन टॉम मूडी थे और न्यू जीलैंड का चतुर युवा लड़का माइक हेसन नंबर दो पर थे। यह काफी करीबी मुकाबला था।’

इसका मतलब है कि राजपूत और रॉबिन सिंह दौड़ काफी पीछे चले गए थे। उम्मीदवारों की मुख्य रूप से पांच मानकों पर परखा गया जिसमें कोचिंग पद्धति, अनुभव, उपलब्धियां, संवाद और आधुनिक उपकरणों का ज्ञान शामिल हैं। ‘बहुत अच्छा’ के लिए 20 अंक दिए गए जबकि ‘अच्छा’ के लिए 15 अंक मिले। औसत को दस और खराब को पांच अंक मिले।

इसलिए चुने गए रवि शास्त्री
सीएसी प्रमुख कपिल देव ने दिन भर चले साक्षात्कार के बाद पत्रकारों से कहा, ‘हमने सर्वसम्मति से रवि शास्त्री को भारतीय क्रिकेट टीम का (मुख्य) कोच नियुक्त करने का फैसला किया है जैसी कि आपको उम्मीद थी।’ तीन सदस्यीय सीएसी में पूर्व भारतीय कोच अंशुमन गायकवाड़ और पूर्व महिला कप्तान शांता रंगास्वामी भी शामिल थे।

कपिल ने कहा, ‘हम सभी ने अंक दिए और ईमानदारी से कहूं तो हमने आपस में यह चर्चा नहीं की कि किसने किसे कितने अंक दिए। जब हमने अंकों को जोड़ा तो यह काफी करीबी मुकाबला रहा। मैं आपको विस्तार से नहीं बताऊंगा कि कितने अंकों का अंतर रहा लेकिन यह काफी कम अंकों का अंतर था।’
भारत के पहले विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा कि शास्त्री के संवाद कौशल ने उनके चयन में अहम भूमिका निभाई। कपिल ने कहा, ‘वे सभी लाजवाब थे। कुछ अवसरों पर मुझे लगा कि शास्त्री संवाद कौशल में बेहतर है, बाकी सदस्यों की राय हो सकती है इसमें भिन्न हो लेकिन हमने इस पर चर्चा नहीं की। हमने प्रस्तुति सुनने के बाद सभी को अंक दिए। हम तीनों ने काफी कुछ सीखा। सभी ने अपनी प्रस्तुति के लिए कड़ी मेहनत की थी।’