उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री का फैसला पुष्कर सिंह धामी ने बदला, चारधाम बोर्ड को भंग करने का किया ऐलान

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(www.arya-tv.com) चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर तीर्थ-पुरोहित लम्बे समय से आंदोलन कर रहे थे जिसको लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बोर्ड को भंग करने को ऐलान कर दिया है। इस बोर्ड को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था त्रिवेंद सिंह ने जनवरी 2020 में चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था जिसके बाद सेे 51 मंदियों का नियंत्रण राज्य सरकार ने पास आ गया था।

उत्तराखंड में केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ चार धाम हैं। इन चारों धामों का नियंत्रण भी सरकार के पास आ गया था। तब से ही तीर्थ-पुरोहित इस फैसले को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने आज पूर्व मंख्यमंत्री के फैसले को पलट दिया है।

इसी साल जुलाई में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्होंने तीर्थ-पुरोहितों की मांग पर एक कमेटी का गठन किया था और उसकी रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेने का वादा किया था। मुख्यमंत्री धामी ने 30 अक्टूबर तक फैसला लेना का वादा किया था, लेकिन इसमें एक महीने देरी हो गई है।

ती​र्थ-पुरोहितों ने प्रधानमंत्री के केदारनाथ दौरे का किया था विरोध
देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ-पुरोहितों ने नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे का विरोध भी किया था। हालांकि, धामी समझाने के बाद पुरोहित मान गए थे।

कुछ दिन पहले ही जब प्रधानमंत्री मोदी ने जब तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था तो उसके बाद उत्तराखंड सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत ने भी कहा था कि जिस तरह कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाया है, उसी तरह प्रदेश सरकार भी देवस्थानम बोर्ड को लेकर अडिग नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि अगर ये लगेगा कि ये बोर्ड चारधाम, मठ-मंदिरों और आमजनों के हित में नहीं है तो सरकार इसे वापस लेने पर विचार कर सकती है।