प्रो.संगीता श्रीवास्तव ने संभाला इविवि के कुलपति का पदभार

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  • विवि में रिक्त पदों को भरना हमारी पहली प्राथमिकता

(www.arya-tv.com)प्रयागराज।11 महीनों के लंबे अंतराल के बाद आज विश्वविद्यालय की स्थायी कुलपति के रूप में प्रो.संगीता श्रीवास्तव ने पदभार ग्रहण कर लिया। सुबह 11 बजे उन्होंने निवर्तमान कार्यकारी कुलपति प्रो.आर.आर. तिवारी से कार्यभार ग्रहण किया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.नरेन्द्र शुक्ल ने कार्यभार हस्तान्तरण की औपचारिकताएं पूरी करायी। इस अवसर पर सभी संकायों के संकायाध्यक्ष, प्राक्टर, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने नव नियुक्त कुलपति का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। इस अवसर पर कुलपति ने सभी से विश्वविद्यालय के विकास के लिए कटिबद्ध होकर कार्य करने का आग्रह किया और अपेक्षा की विश्वविद्यालय आपने पुराने गौरव को प्राप्त करेगा।

कार्यभार ग्रहण करने के बाद कुलपति प्रो.संगीता श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय के नार्थ हाल में प्रेस कान्फ्रेंस कर उन्होंने विश्वविद्यालय को लेकर अपने लक्ष्यों को साझा किया। उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों के काफी पद रिक्त हैं, जिन्हे भरना उनकी पहली प्राथमिता होगी। यूजीसी के मानदंडों का अक्षरशः पालन करते हुये उत्कृष्टकोटि के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का चयन किया जाएगा। इससे न केवल पठन-पाठन का वातावरण सुधरेगा वरन विश्वविद्यालय की गिरती रैंकिंग में भी अपेक्षित सुधार होगा। उन्होंने ने नई शिक्षानीति के प्रविधानों को लागू करने के लिए अपेक्षित वातावरण के निर्माण के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा की बी.ए. के पाठ्यक्रमों में ऐसे विषय शामिल किए जायेंगे जो रोजगारपरक हों। साथ ही साथ छात्र- छात्राओं को तीन- चार भाषायें सीखने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। संस्कृत, जर्मन, फ्रेंच, मंदारिन आदि भाषाओं को सीखने के कार्यक्रमों की शीघ्र स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा की विभागों में आवश्यकता के अनुसार उन्नतकोटि की प्रयोगशालायों की स्थापना की जाएगी तथा समाजोपयोगी शोध के लिए प्रेरित किया जाएगा। नयी शिक्षा नीति को लागू करने के लिए अधिकाधिक विमर्श-कार्यक्रम एवं वर्कशाप आदि का आयोजन किया जाएगा।

इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से अपेक्षा की कि विश्वविद्यालय के सुचारु संचालन तथा इसकी छवि सुधारने रचनात्मक सहयोग निभाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के रचनात्मक कार्यों को समाज के मध्य ले जाने के लिए मीडिया की भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पहली महिला कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव हो गई हैं। वहीं वर्ष 2005 में केंद्रीय दर्जा प्राप्त होने के बाद इविवि में प्रोफेसर राजन हर्षे ओर प्रोफेसर एके सिंह तथा प्रोफेसर रतन लाल हांगलू स्थायी कुलपति थे। उनकी नियुक्ति पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हरी झंडी दे दी। राष्ट्रपति इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विजिटर भी हैं। प्रदेश की राज्यपाल व उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल के आदेश पर प्रोफेसर संगीता को रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय की कुलपति के पद से कार्यमुक्त कर दिया गया। वह रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय की कुलपति थीं। प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के पति जस्टिस विक्रमनाथ गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। बीते करीब 11 महीने से स्थाई कुलपति का इंतजार कर रहे इलाहाबाद विश्वविद्यालय का सूखा समाप्त हो गया। प्रो.रतनलाल हांगलू ने बीते 31 दिसंबर को अपने पद से इस्तीफा देने के बाद कुलपति का पद खाली चल रहा था। कार्यवाहक कुलपति के रूप में आरआर तिवारी कामकाज देख रहे थे।