‘एग्जाम की न हो कोई फीस, बस-ट्रेन में फ्री सफर’, पेपर लीक पर लगाम के लिए प्रियंका गांधी की ये पांच मांग

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(www.Arya Tv .Com) यूपी में आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा में धांधली और पेपर लीक मामले को लेकर अभ्यार्थी राज्य के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे अभ्यार्थियों का वीडियो शेयर कर यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सरकार से सवाल किया, “कौन कराता है ये पेपर लीक? कैसे होता है ये पेपर लीक? चांद-मंगल पर जाने वाला हमारा देश एक फुलप्रूफ परीक्षा नहीं करा सकता? जहां एक युवा की मेहनत चोरी न हो, उसके भविष्य पर डाका न पड़े.”

यूपी सरकार पर निशाना साधा

प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, “50 लाख से अधिक युवाओं ने फॉर्म भरा. ये प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा थी. एक फॉर्म को भरने में 400 रुपया का खर्च आया. 48 लाख एडमिट कॉर्ड जारी किए गए और परीक्षा के पहले पेपर लीक हो गया. बच्चों और उनके परिवारों पर क्या बीत रही होगी?”

यूपी सरकार पर निशाना साधा

प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, “50 लाख से अधिक युवाओं ने फॉर्म भरा. ये प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा थी. एक फॉर्म को भरने में 400 रुपया का खर्च आया. 48 लाख एडमिट कॉर्ड जारी किए गए और परीक्षा के पहले पेपर लीक हो गया. बच्चों और उनके परिवारों पर क्या बीत रही होगी?”

कांग्रेस नेता प्रियंका गाधी ने कहा, “यूपी के एक एक गांव में यह चर्चा हो रही है. सरकार सो रही है. लड़के-लड़कियां इलाहाबाद, मेरठ से लखनऊ तक चीख-पुकार कर प्रदर्शन कर रहे हैं और फिर से एग्जाम कराने की मांग कर रहे हैं. सरकार उन्हें अपमानित कर रही है, लाठियों से पिटवा रही है.”

प्रियंका गांधी की मांग

इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पेपर लीक पर लगाम लगाने के लिए कई मांगें की है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने यूपी में भर्ती विधान पेश किया था, जिसमें पेपर लीक और भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के प्रावधान रखे गए थे.”

  • हाल में हुई दोनों पेपर लीक की घटनाओं की CBI जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.
  • एक परीक्षा कैलेंडर जारी हो, जिसमें विज्ञापन, परीक्षा, नियुक्ति की तारीखें दर्ज हों और इसका उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाए.
  • भर्तियों के साथ आरक्षण में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सामाजिक न्याय पर्यवेक्षक नियुक्त हों.
  • युवाओं का भरोसा बहाल करने के लिए सभी परीक्षाओं के फॉर्म नि:शुल्क किए जाएं.
  • परीक्षा देने के लिए युवाओं को फ्री बस और ट्रेन मुहैया कराई जाए.