प्रमुख सचिव, नगर विकास ने नगरीय निकायों के विकास कार्यों एवं गड्ढा मुक्ति अभियान की समीक्षा की

Lucknow

बृजेश कुमार मिश्रा उर्फ पंडित जी

  •  अमृत अभिजात ने 10 दिन के भीतर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के दिए निर्देश
  • प्रदेश के 126 नगरीय निकायों के 194 अमृत सरोवरों को संवारने की भारत सरकार से मिली मंजूरीः श्री अमृत अभिजात
  • रिमोट सेसिंग व जीआईएस तकनीक से होगा निकायों में नागरिक सुविधाओं का आंकलन

(www.arya-tv.com)प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने स्थानीय निकाय निदेशालय में  प्रदेश के नगरीय निकायों के विकास कार्यों एवं शहरों में सड़कों के गड्ढा मुक्ति अभियान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को 10 दिन तक युद्धस्तर पर अभियान चलाकर सड़कों को गड्ढा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।

प्रमुख सचिव ने बैठक में 15वां वित्त आयोग के अन्तर्गत कार्यों की अद्यतन स्थिति, अमृत के कार्यों की प्रगति, गड्ढ़ामुक्ति के लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति, सरोवर/पोखरो की अद्यतन स्थिति, अन्येष्टि स्थल एवं कान्हा गौशाला की अद्यतन स्थिति, सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित की गई कार्यवाही और जल निकासी के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में सभी 17 नगर निगमों से आए मुख्य अभियंताओं की ओर से अद्यतन स्थिति का विवरण प्रस्तुत किया गया।

प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि भारत सरकार के प्रदेश के 126 नगरीय निकायों के 194 अमृत सरोवरों के विकास एवम् कायाकल्प के लिए भारत सरकार से अनुमति मिल गई है। उन्होंने बताया कि इन सरोवरों/ पोखरों को विकसित करने के लिए डीपीआर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इनका उद्देश्य वाटर रिजार्जिंग है। इनमें बरसात का पानी अधिक से अधिक आ सके। साथ ही घाटों की मरम्मत और सौंदर्यीकरण से लेकर स्थानीय लोगों के बैठने तक के लिए स्थान विकसित किए जायेंगे।

रिमोट सेसिंग व जीआईएस तकनीक से होगा नागरिक सुविधाओं का आंकलन

नगर विकास विभाग द्वारा रिमोट सेन्सिंग एप्लिकेशनस सेंटर, उत्तर प्रदेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वाधान से आगामी कार्ययोजनाएं तैयार की जा रही है, जिससे प्रदेश के शहरी क्षेत्रो में स्थित सामाजिक और नागरिक सुविधाओं का आँकलन एवं प्रदेश मे विकास को सुनिशचित करने की आवश्यकता के दृष्टिगत मूलभूत सुविधाओं को रिमोट सेसिंग व जीआईएस तकनीक के उपयोग से मानचित्रीकरण व डाटाबेस सृजन का कार्य किया जायेगा, इसके माध्यम से मूलभूत सुविधाओं का समय समय पर परीक्षण, मूल्यॉकन, मॉनिटरिंग में सहायता प्राप्त होगी। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में सम्पूर्ण सडकों का डाटाबेस तैयार कर निकाय स्तर पर सड़कों की यथास्थिति का आंकलन एवं वस्तुस्थिति की जानकारी मोबाइल एप के माध्यम से प्राप्त कर गड्डा मुक्तिकरण एवं चौडीकरण इत्यादि की सूचनायें सही सही त्वरित रूप से उपलब्ध हो सकेंगी। इसी प्रकार ड्रेनेज सिस्टम की यथास्थिति जिसमें लम्बाई, चौडाई व जलभराव की स्थिति का आंकलन भी इसके माध्यम से किया जा सकेगा।
नगर विकास की मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त निकायों में हो रहे कार्यों का निश्चित अन्तराल पर सटीक मूल्यांकन एवं निरीक्षण भी किया जा सकेगा। उक्त समस्त जीआईएस आधारित मानचित्रों एवं आकंडों को जियोपोर्टल पर दर्शाते हुए डिसिजन सपोर्ट सिस्टम तैयार किया जा सकेगा, जिससे जनउपयोगी सुविधाओं को और सुदृढ व प्रबन्धन के सुधार में उपयोगी होगें ।
बैठक में विशेष सचिव नगर विकास विभाग श्री सुनील कुमार चौधरी, अपर निदेशक (अमृत)  पी.के श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर स्थानीय निकाय निदेशालय श्री राजवीर सिंह सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।