कर्नाटक में सियासी नाटक जारी, टिकट न मिलने पर उपमुख्यमंत्री ने छोड़ी अपनी पार्टी

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(www.arya-tv.com) चुनावी राज्य कर्नाटक में भाजपा को झटका देते हुए पार्टी एमएलसी और बेलगावी जिले के प्रभावशाली नेता, पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण संगप्पा सावदी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है।

भाजपा ने उन्हें अठानी निर्वाचन क्षेत्र से टिकट देने से इनकार कर दिया है। उनकी जगह ऑपरेशन लोटस के जरिए पार्टी में आए महेश कुमातल्ली को टिकट दिया गया है।सावदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अठानी निर्वाचन क्षेत्र के लोग उनके लिए आलाकमान हैं और उन्हें अपने मतदाताओं के सामने झुकना होगा।

उन्होंने कहा, क्या मुझे टिकट के लिए भीख मांगनी पड़ेगी? मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं और एमएलसी के पद से भी इस्तीफा दे रहा हूं।उन्होंने कहा, मैं गुरुवार शाम को राजनीति और चुनाव लड़ने के बारे में अपने फैसले की घोषणा करूंगा। मैं 20 साल से भाजपा में हूं और अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो मैं माफी मांगता हूं। मुझे टिकट मिलने का भरोसा था। एक बाहरी व्यक्ति को टिकट दिया गया है।

उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर कटाक्ष करते हुए कहा, बोम्मई में देश के प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं। मेरी उनसे व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है।सीएम बोम्मई एक बार कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार थे और उन्होंने (सावदी) अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्हें भाजपा में रहने के लिए मना लिया था।

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कांग्रेस ने दोनों सूचियों में अठानी निर्वाचन क्षेत्र के लिए टिकट की घोषणा नहीं की है। कागवाड़ा के कांग्रेस विधायक राजू कागे ने लक्ष्मण सावदी से उनके आवास पर मुलाकात की थी, जिससे अफवाहों को बल मिला कि उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है।सूत्रों के अनुसार, 63 वर्षीय सावदी इस बात से परेशान हैं कि बेलगावी जिले में टिकट आवंटन में पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली का पलड़ा भारी रहा।

सावदी अपने बेटे चिदानंद सावदी के राजनीतिक करियर को लेकर भी चिंतित हैं।बेलागवी जिले में 18 विधानसभा क्षेत्र हैं और विकास के मुद्दे का भाजपा के प्रदर्शन पर असर पड़ने की आशंका है। सावदी पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के चहेते हैं। विधानसभा सत्र के दौरान अश्लील वीडियो देखने का मामला सामने आने के बाद उन्हें कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था।

बाद में, पार्टी ने उन्हें 2019 में डिप्टी सीएम के पद पर नियुक्त किया जिससे विवाद खड़ा हो गया। पार्टी के भीतर ही कई सवाल खड़े हो गए क्योंकि वह विधानसभा का चुनाव हार चुके थे। जब येदियुरप्पा की जगह बोम्मई मुख्यमंत्री बने तो सावदी की कुर्सी चली गई। पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली ने धमकी दी थी कि अगर महेश कुमतल्ली को अठानी सीट से टिकट नहीं दिया गया तो वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे।