पुलिस इनाम बढ़ाती रही, गुप्ता ब्रदर्स को मिला अरेस्ट स्टे:नशे के सौदागरों को छू भी नहीं सकी पुलिस

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(www.arya-tv.com) गोरखपुर में नशे के सौदागर गुप्ता ब्रदर्स को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। नशीली दवा के कारोबारी भाइयों के गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने फौरी तौर पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट की इलाहाबाद बेंच ने 6 हफ्ते का अरेस्ट स्टे आर्डर जारी कर दिया है। यह आदेश 5 सितंबर को हुई सुनवाई के बाद जारी किया गया।

हालांकि वाराणसी के असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग नरेश मोहन दीपक ने कहा, ‘‘गुप्ता ब्रदर्स के अरेस्ट स्टे को कोर्ट में चैलेंज करेंगे। स्टे के खिलाफ यूपी सरकार की ओर से कोर्ट में कड़ी पैरवी की जाएगी। जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा, लेकिन किसी भी हाल में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

कोर्ट ने इस मामले में जांच पूरी होने तक की राहत दी है, न कि उन्हें इस मामले से बाहर कर दिया है। आरोपियों के खिलाफ विभाग के पास पर्याप्त सबूत हैं, जिन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें मिली राहत उनकी मुसीबत बन जाएगी।‘‘

गोरखपुर ड्रग डिपार्टमेंट ने शुरू से बंद कर रखा है आंख
जबकि गोरखपुर का ड्रग डिपार्टमेंट ने इस पूरे मामले में शुरू से ही अपनी आंख और कान बंद कर रखा है। पूरे प्रदेश में चल रहे ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान के बाद नशीली दवाओं की बिक्री लगभग बंद हो चुकी है, लेकिन गोरखपुर के डिपार्टमेंट ने अब तक एक भी नशीली दवाओं के कारोबारियों की जांच नहीं की। जिनकी जांच हुई भी तो उनके बिक्री डाटा से भी विभाग अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं जुटा सकी है।

गोरखपुर पुलिस पर भी उठने लगे सवाल
वहीं, आरोपी गुप्ता ब्रदर्स को स्टे मिलने के बाद इस मामले में गोरखपुर पुलिस पर भी सवाल उठने लगे हैं। भालोटिया मार्केट के व्यापारियों का कहना है, अगर यही मामला किसी सामान्य व्यक्ति का होता तो पुलिस अब तक उसके पूरे परिवार और रिश्तेदारों को थाने में लाकर बैठा देती। आरोपियों को अरेस्ट स्टे न मिले, इसके खिलाफ पुलिस कोर्ट में पहले ही आपत्ति लगा सकती है, लेकिन पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया।

पुलिस ने क्यों नहीं लगाई कोर्ट में आपत्ति?
जबकि इस मामले में दो अन्य आरोपी आगरा के व्यापारी भाई पहले ही संतकबीरनगर में दर्ज केस के मामले में स्टे ले चुके हैं। तभी से पूरे शहर में यह चर्चा थी कि गुप्ता ब्रदर्स भी अरेस्ट स्टे लेने की तैयारी में लगे हैं, लेकिन पुलिस ने इसपर अपनी आंख बंद कर ली। ऐसे में अब व्यापारियों का कहना है कि शहर के कई चर्चित मामलों की तरह गोरखपुर पुलिस इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल देगी।

दरअसल, भालोटिया मार्केट के थोक दवा व्यापारी आशीष गुप्ता और अमित गुप्ता के ऊपर पुलिस ने 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। दवा का थोक कारोबार करने वाले दोनों दवा व्यापारियों पर नशीली दवाओं के अवैध कारोबार का आरोप है।

2 करोड़ की पकड़ी गई थी नशीली दवाएं
बीते 6 अगस्त को गीडा और संत कबीर नगर के खलीलाबाद में 2 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की नशीली दवा बरामद हुई थी। इन दवाओं में कफ सिरप फेंसिडिल, मेडरॉल, डाइजापॉम और अल्प्रॉक्स शामिल है। आरोप है कि दवाओं की यह तस्करी गुप्ता ब्रदर्स कर रहे थे। इस मामले में ड्रग विभाग और पुलिस की टीम ने मौके से 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि गुप्ता ब्रदर्स तभी से फरार चल रहे हैं।

शहर में घुमते रहे आरोपी, छू भी नहीं सकी पुलिस
घटना के बाद पहले तो पुलिस ने गुप्ता ब्रदर्स को शहर छोड़कर भागने का पूरा मौका दिया। केस दर्ज होने के दो दिन बाद तक दोनों भाई शहर में बेखौफ घुमते रहे, लेकिन पुलिस उनका बाल भी बांका नहीं कर सकी।

लेकिन जब खुद सीएम योगी आदित्यनाथ इस मामले को लेकर सख्त हो गए और पूरे प्रदेश में ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान शुरू हो गया, तो आनन-फानन में पुलिस ने दोनों भाईयों पर इनाम बढ़ाना शुरू कर दिया, लेकिन उन्हें पकड़ नहीं सकी।

आखिर किसने फैलाई अरेस्ट स्टे मिलने की खबर?
सच तो यह है कि गुप्ता ब्रदर्स को अरेस्ट स्टे मिलने की खबर उनके भालोटिया मार्केट में बैठे शुभचिंतक व्यापारी आग की तरह फैला दिए, लेकिन पुलिस अब तक उनका सुराग तक नहीं लगा सकी। थोक दवा व्यापारियों में चर्चा है कि दोनों भाई 20 साल में कई बार नशीली दवाओं के कारोबार में पकड़े गए, लेकिन वे हमेशा मोटी रकम फेंककर बच निकलते हैं।

गोयल ब्रदर्स को भी मिला स्टे
वहीं, इस मामले में गुप्ता ब्रदर्स के साथ ही आगरा के गोयल ब्रदर्स भी आरोपी हैं। हाईकोर्ट ने गोयल ब्रदर्स को भी 6 हफ्ते की अरेस्ट स्टे जारी किया है। इससे पहले उन्हें संतकबीर नगर में दर्ज केस में भी चार हफ्ते का अरेस्ट स्टे मिल चुका है।