पीएम के मन की बात:बाराबंकी की ग्रामीण महिला के प्रयासों की सराहना की

National

(www.arya-tv.com)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक बार फिर मन की बात की। प्रधानमंत्री ने यहां की एक ग्रामीण महिला के कोरोना काल के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम में अपना नाम सुनकर यह ग्रामीण महिला फूले नहीं समा रही और आगे और उत्साह के साथ लगने की बात कर रही है। महिला के कार्यों की सराहना करते हुए पीएम ने कहा कि सुमन के प्रयासों की वजह से ही एक पूरा समूह मास्क बनाने के काम में लगा हुआ था।

बाराबंकी जनपद के विकासखंड त्रिवेदी गंज के हसनपुर गाँव की सुमन वर्मा के लिए आज का दिन बेहद खास रहा क्योंकि देश के प्रधानमंत्री ने उनके प्रयासों की सराहना की। कल तक जिस सुमन वर्मा को कोई पहचानता नहीं था उसे आज पूरा देश जान गया। सुमन वर्मा गांव की महिलाओं के साथ सरस्वती स्वयं सहायता समूह चलाती हैं और कोरोना की महामारी के दौरान महिलाओं से खादी के मास्क बनवाकर लोगों में वितरित किये। वह समाज से सामाजिक दूरी का पालन करने की अपील करती दिखाई देती हैं।

कोरोना काल में खादी बहुत पापुलर हो रही- मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में सुमन का जिक्र करते हुए कहा कि आज कोरोना काल में भी खादी बहुत पापुलर हो रही है और देश के कई स्वयं सहायता समूह भी खादी के मास्क बना रहे है । उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की सुमन वर्मा ने अपने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ खादी के मास्क बनवाए और धीरे – धीरे हजारों खादी के मास्क बना रही है सुमन जी के प्रयासों को देख कर और भी महिलाएं उनसे जुड़ी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लोकल प्रोडक्ट की एक खूबी है कि उनके साथ एक पूरा दर्शन जुड़ा होता है ।

मोदी से बात करने का मतलब सपना सच होने जैसा है- सुमन
मन की बात में अपना जिक्र आने से उत्साहित महिला सुमन ने बताया कि यह किसी सपने के सच होने के बराबर है। उन्होंने सपने में भी नही सोचा था कि ऐसा चमत्कार होगा। समूह चला कर किराने की दुकान का काम करने वाली महिला सुमन ने बताया कि लॉक डाउन में जो घर में खादी का कपड़ा था उससे मास्क बनवा कर गरीब महिलाओं और नरेगा के मजदूरों में वितरित किया। अब उनके साथ 11 और महिलाएं इस काम में हाथ बंटा रही है। प्रधानमंत्री ने उनका नाम लेने से उनका ही नही पूरे गाँव और जनपद का नाम रौशन हुआ है जो किसी चमत्कार से कम नहीं लगता। वह चाहती है कि उनके गाँव की महिलाओं के लिए भी सरकार कोई रोजगार उपलब्ध करवाए ।