BBAU में केन्द्रीय बजट 2024-25 पर हुआ पैनल चर्चा का आयोजन

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  • समीक्षा सिंह (भोली)

(www.arya-tv.com) बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में  अर्थशास्त्र विभाग की ओर से केन्द्रीय बजट 2024-25 पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.एम.पी. वर्मा ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जीआईडीएस लखनऊ के पूर्व निदेशक प्रो. ए. के. सिंह उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर आईसीसीएमआरटी, लखनऊ के पूर्व निदेशक प्रो. अजय प्रकाश, लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. मनोज अग्रवाल, अर्थशास्त्र विभाग, बीबीएयू के विभागाध्यक्ष एवं आयोजक प्रो. सनातन नायक, प्रो. डी. के यादव एवं डॉ. सुरेंद्र मेहेर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। सर्वप्रथम प्रो. सनातन नायक ने सभी को अतिथियों के परिचय से अवगत कराया एवं‌ पैनल चर्चा का‌‌ विषय प्रस्तुत किया।

कुलपति प्रो. एन.एम.पी वर्मा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि विकास में तेजी लाने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों निवेश किए जाने चाहिए। हालाँकि, सार्वजनिक क्षेत्र का निवेश कम हो गया है, जो चिंता का एक बड़ा कारण है।उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च वर्तमान बजट में आवंटित राशि से अधिक होना चाहिए था।

प्रो. ए. के.सिंह ने बजट को राजनीतिक व आर्थिक नजरिये से समझने की जरूरत पर बल दिया। उनका कहना था कि जीडीपी में वृद्धि को गति देने के लिए निजी उपभोग मांग को बढ़ाना होगा। साथ ही अर्थव्यवस्था में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने की जरूरत है।
प्रो. अजय प्रकाश ने चर्चा के दौरान कहा कि वर्तमान बजट में बुनियादी ढांचे, निवेश और कल्याण के अलावा रोजगार, कौशल और एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने मौजूदा बजट के राजस्व और व्यय के आंकड़े भी पेश किये।

प्रो. मनोज अग्रवाल ने बताया कि कैसे भारतीय अर्थव्यवस्था अमेरिका और चीन जैसे दुनिया के विकसित हिस्सों में धूमिल वृहद आर्थिक परिदृश्यों के संदर्भ में आगे बढ़ रही है। भारत ने राज्यों की शून्य ब्याज दर ऋण और स्वच्छ भारत अभियान जैसी समावेशी और भागीदारी वाली विकास रणनीतियों को अपनाया है।

प्रो. सनातन नायक ने केंद्रीय बजट की भूमिका और महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि अर्थव्यवस्था के वर्तमान संदर्भ में व्यय आवंटन के आयाम कैसे बदल रहे हैं।‌
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कार्यक्रम के अंत में डॉ. सुरेन्द्र मेहर ने पैनल चर्चा की रिपोर्ट प्रस्तुत की। धन्यवाद ज्ञापन कार्य कार्य डॉ. डी. के. यादव ने किया। समस्त कार्यक्रम के दौरान डॉ. प्रणब आनंद, डॉ. सुरेन्द्र सिंह जाटव, अन्य शिक्षकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहें।