पहलगाम या पुलवामा हमला: सिर्फ पाकिस्तान का ही नहीं, क्या बाहरी ताकतों का हाथ भी..

Lucknow
  • कुछ ऐसे तथ्य जो आपको सोचने पर मजबूर देंगे, आर्य टीवी के विशेष संवाददाता विशाल सक्सेना की खास रिपोर्ट।
Vishal Saxena

अमेरिका की एक संस्था आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को डिफाल्टर होने के बाद भी करोड़ों डॉलर्स की फंडिंग करना, उन पैसों का इस्तेमाल कहां हो रहा है यह कोई नहीं जानता। हर बार डिफॉल्ट होने पर भी इस तरह की फंडिंग क्यों ?

जाति और धर्म सिर्फ मरने वालों का होता है, मारने वालों का कोई जाति या धर्म नहीं होता। यह बात जितनी जल्दी समझेंगे उतना ही विकास की ओर अग्रसर होंगे, देश को हिंदू मुस्लिम की लड़ाई से ऊपर उठना होगा, क्योंकि इससे सिर्फ आपसी सौहार्द बिगड़ेगा और हासिल कुछ भी नहीं होगा।

पश्चिमी देशों की बात करें तो वहां पर धर्म को लेकर लड़ाई नहीं है, अंग्रेज जो डिवाइड एंड रूल के तहत भारत–पाकिस्तान का बंटवारा कर गए थे, देश की आजादी के 80 सालों के बाद भी दोनों देश उसी में उलझे हुए हैं, क्या लोग यह नहीं समझते कि जब तक लोग बंटवारे में उलझे रहेंगे तब तक कोई बाहरी फायदा उठाता रहेगा। असल में यह बात जितनी आसान दिखती है उतनी आसान है नहीं, दोनों ही देशों के कई राजनेताओं ने अपने फायदे के लिए इस बंटवारे का लाभ उठाया है, कुछ तो आज भी सत्ता और पैसों की ललक में लाभ उठा रहे है, पर देशवासियों को इन बातों को समझना होगा।

कश्मीर के पहलगाम पर हमला यह सिर्फ एक टेररिस्ट अटैक ही नहीं बल्कि देश के स्वाभिमान पर सीधा हमला है, कि हम तो तुम्हें ऐसे ही घुस करके मारेंगे और तुम कुछ नहीं कर पाओगे।

बिना बाहरी ताकतों के मदद के बिना यह कार्य संभव नहीं है, सिर्फ टेररिस्ट को मार देना यह समस्या का समाधान नहीं है, मामले की तह तक जाकर उन जड़ों को काटना होगा जहां से इन टेररिस्ट को पैदा किया जा रहा है।

देश के एक नागरिक की कीमत क्या होती है यह इजरायल से सीखने की जरूरत है, कुछ इसी तरह का अटैक इजराइल में हुआ था उसके बाद इजरायल ने गाजा पट्टी को कब्रिस्तान में बदल दिया और तमाम डिप्लोमेटिक प्रेशर होने के बाद भी अमेरिका को इजरायल के सामने झुकना पड़ा।

आज के दिन जरूरत है कि एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करे कि भविष्य में कभी भी कोई इस तरह का हमला करने की सोच भी ना सके, आज देशवासियों को एकजुट की जरूरत है और इस समय सवाल जवाब करने की बजाय, प्रधानमंत्री मोदी जी का साथ दे और उनको मजबूत करें और उनको यकीन दिलाए कि भारत की जनता उनके साथ है और उनसे अपील करें कि भारत के लोगों की गई जानों के बदले एक ऐसा उदाहरण पेश करें कि भविष्य में कोई भी इस तरह का कार्य करने की सोच भी ना सके। अगर आप हमारी बातों से सहमत है तो एक ट्रेंड हमारे साथ वायरल करिए:

#justiceforindiancitizens

इस संकट की घड़ी में एक दूसरे का साथी बनिए और देश को मजबूत करिए और आपसे जल्द ही मिलते हैं इसकी फॉलोअप स्टोरी के साथ।