रोजगार की बहार में किंतु-परंतु

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(www.arya-tv.com) अमिताभ बच्चन साहब 78 के हुए। च्यवनप्राश से लेकर मोटरसाइकिल बेच रहे हैं। उम्र सिर्फ नंबर है, रोजगार के लिए। बच्चन साहब को देख लो तो लगता है कि भारत में रोजगार की कोई समस्या नहीं है। पर..पर..पर, अमिताभ बच्चन के सुपुत्र अभिषेक बच्चन को देखो तो लगता है कि रोजगार का मसला बहुत ही बड़ा मसला है। हरेक को रोजगार नहीं है। बच्चन साहब 78 में बाइक बेच रहे हैं। लोग बच्चन साहब को सुन रहे हैं। उनकी बात मानकर खरीद रहे हैं तमाम आइटम।

हाल में एक इश्तिहार में अमिताभ बच्चन और महेंद्र सिंह धोनी मोटरसाइकिलों के इश्तिहार में एक साथ नजर आये। मुझे बहुत शर्म आयी। 78 साल के स्टार अभिनेता के लिए हम इतना भी ना कर पाये कि चौपहिया वाहन का इंतजाम हो पाता और इतने सुपर स्टार क्रिकेटर धोनी भी इन दिनों बाइक पर चलने की बात कर रहे हैं।

इतने सालों देश के लिए खेलने का हासिल सिर्फ बाइक पर चलना ही है तो देश को खेल नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। लेकिन बहुत से ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्हें बेचने के लिए कुछ भी ना मिलता।

रोजगार ही रोजगार हैं, यह अलग बात है कि सबको नहीं मिलते।नागिनों तक को रोजगार मिल रहे हैं टीवी सीरियल इंडस्ट्री में। बंदरों को भगाने के लिए लंगूरों को रोजगार मिल रहे हैं। मुझे लगता है कि बंदर वाले और लंगूर वाले सब मिले हुए हैं। कुछ दिन बंदरों के मालिक मोहल्लों-कालोनियों में बंदरों को छोड़ देते हैं, फिर मोहल्ले वाले घबराकर लंगूर वालों से संपर्क करते हैं और लंगूर वालों को रोजगार मिल जाता है। इस तरह से मिलजुलकर सबका काम चल रहा है।

धर्मेंद्र पुराने हीरो हैं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के। वह बाइक औऱ पंप बेचते हुए नहीं दिखते। हालांकि बाइक और खेतों पर चलने वाले पंप बेचते वक्त धर्मेंद्र बहुत विश्वसनीय लगेंगे। पर सेल्समैनशिप वाला काम सबको नहीं मिलता। बच्चन साहब कलाकार हैं, सब कुछ बेच जाते हैं। धर्मेंद्र कुछ सालों एक घी के इश्तिहार में दिखे थे। यह बहुत होता है कि जब बंदा फिट फाट होता है तब घी वाले और सूटिंग और शर्टिंग वाले सब कुछ सप्लाई कर देते हैं। पर जैसे ही बंदा रिटायर होता है, हर आइटम की सप्लाई बंद हो जाती है

धोनी से नसीब वाले कम ही होते हैं जो रिटायर होने के बाद भी नूडल्स से लेकर म्युचुअल फंड बेच रहे हैं। कई क्रिकेटर रिटायर हो गये, तो उन्हें कुछ भी ना मिला बेचने को। चेतेश्वर पुजारा जैसे कामयाब टेस्ट क्रिकेटर को भी बेचने का काम नहीं मिला। उधर ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट के स्टार खिलाड़ी हार्दिक पांड्या ना जाने क्या-क्या बेच रहे हैं।

आलोक पुराणिक