कंपनी की निदेशक समेत नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के हुए आदेश

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आगरा (www.arya-tv.com) सीजेएम की अदालत ने पीड़ित द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर फाइनेंस कंपनी की निदेशक समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। छत्ता के जीवनी मंडी निवासी बप्पी सिंह ने अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। बप्पी सिंह का आरोप है कि बरहन निवासी विजय लक्ष्मी ने जून 2017 में उनसे संपर्क किया। अपने संजय प्लेस स्थित कार्यालय में बुलाकर अपनी कंपनी में सावधि व मासिक जमा योजनाओं पर अच्छा ब्याज देने की कहा। कंपनी निदेशक की बातों में आकर उसने एक लाख, चार हजार रुपये किस्त के रूप में कंपनी में निवेश कर दिए। योजना के मुताबिक जमा रकम वापस करने की कहा तो कंपनी निदेशक ने टालमटोल करने लगीं। उससे कुछ समय बाद आने की कहा।इसके बाद अपना कार्यालय बंद करके निदेशक और स्टाफ भाग गया।

बप्पी सिंह के मुताबिक अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चलने पर उन्होंने पिछले वर्ष दिसंबर में अधिकारियों के यहां शिकायत की। मगर, उनकी सुनवाई नहीं हुई। अदालत ने विजय लक्ष्मी, राजा उर्फ राहुल, विवेक पाठक, शांतनु सिंह, बीना सिंह, सतेंद्र चाहर, अर्पणा शुक्ला, सीए अशोक कुमार, संजय बाली के खिलाफ थानाध्यक्ष हरीपर्वत को मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए।

नामजद मुकदमा दर्ज होने के बाद भी विवेचक ने आरोपितों के नाम चार्जशीट में शामिल नहीं किए। उनकी नामजदगी गलत दर्शा एक आरोपित के खिलाफ चार्जशीट अदालत में भेज दी। अपर जिला जज की अदालत ने गैर इरादत हत्या के तीन आरोपितों को तलब किया है।

खेरागढ़ थाने में वासुदेव शर्मा ने 20 जुलाई 2014 में मुकदमा दर्ज कराया था। वासुदेव का आरोप था कि बोरिंग के विवाद में आरोपितों राजवीर, मनोज, गोकुल ने हमला बोल दिया। उसके पिता रोशन लाल को गंभीर घायल कर दिया। उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। उसने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। विवेचक नरेंद्र यादव ने आरोपितों की नामजदगी गलत दर्शाते हुए जानकी उर्फ जनका के खिलाफ चार्जशीट अदालत में प्रस्तुत कर दी।मामले में वादी द्वारा प्रार्थना पत्र देने पर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शर्मा के तर्क के आधार पर अदालत ने तीनों आरोपितों को मुकदमे के विचारण के लिए तलब किया है।