vip व्यवस्था के तले दब कर कराहती मोक्षदायनी शिवनगरी काशी

# ## Varanasi Zone

(www.arya-tv.com)अध्यात्म की नगरी बनारस ,शिव के त्रिशूल पर बसी काशी / सारी मूर्तिमान अवयवस्थाओं का एक मूर्तिमान नगर बनारस /कहने को तो बनारस देश के प्रधानमंत्री मोदी जी का संसदीयइलाका है किन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही है दर असल ये शहर माननीयों के कारण पूरी तरह जाम सा हो गया है /यहाँ जो कुछ भी है माननीयों के लिए है ‘/आधा से अधिक पुलिस महकमा जिसमे ट्रैफिक पुलिस के अलावा so ,dy.sp ,सर्किल ऑफिसर इन्ही माननीयों की सेवा टहल में व्यस्त रहते है /

सारी व्यवस्था पुलिस के जिम्मे

साहब के आवास से लेकर दर्शन,भोजन ,गाड़ी पार्किंग से ले कर दर्शनार्थियों के कतारों को तोड़ने का काम ही यहाँ के पुलिस की ड्यूटी है /प्रोटोकॉल के नाम पर पांचmmmm             गाड़ियों का काफिला बाकायदा हूटर बजाते हुए इन के आगे पीछे चलता है /गाड़ी रुकते ही ट्रैफिक का जवान गाड़ी से कूद कर फौरी तरीके से ट्रैफिक साफ़ करने लगता है /उसका काम सवारी के इन्तजार में खड़े ऑटो रिक्शा चालकों को तत्काल नौ दो ग्यारह करना है /बाकी सामने एक्सीडेंट भी हो जाये तो उनकी बाला से /अमूमन शांत रहने वाली गलियां और सड़कें ,गोदौलिया और हथवा जैसे चौराहे पूरी तरह से अनियंत्रित ट्रैफिक से जूझ रहे हैं दुती पर तैनात ट्रैफिक कर्मी का हाथ तभी उठता है जब दूर से हूटर बजाते माननीय आते दीखते है। पूरी तरह ध्वस्त ट्रैफिक ने शहर की रफ़्तार को पंगु कर दिया है।

दो कदम चलने को मोहताज कैसे करें दर्शन
पंगु से याद आया नए बने कॉरिडोर के कारण आम जान के वाहनों का प्रवेस १. ५ किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाता है किन्तु vip आते ही सारे बैरिकेड्स हट जाते हैं सलाम को अनदेखा कर ये गाड़ियां आगे बढ़ जाती हैं। बाबा विश्वनाथ पर भी vip राज चलता है। आप भले ही चिलचिलाती धुप में २ किमी की लाइन में लगे हों आप की लाइन तभी चले गई जब माननीय गर्भगृह से बाहर आ कर रवाना हो जाये गा। पंगु ,चलने को लाचार बूढ़े ,गर्भवती महिलाये ,डाइबिटीस के मरीज हार्ट के रोगी ये सब कोइ vip थोड़े न हैं। लगे रहो लाइन में। चल न पाओ तो भी चलो। किसी की बाला से। चार पांच घंटे में दर्शन हुआ तो अतिभाग्य वार्ना लौट आओ बिना दर्शन किये।
होटल रेस्टोरेंट ,पार्किंग सब फुल
होटल रेस्टोरेंट ,पार्किंग सब फुल है। कौन हैं ये लोग। कहाँ से आ गए हैं सब। दर्शनार्थियों की आस्था को पैरों तले रोंदते। यकीन नहीं होता की मोदी जी के साथ सभी vip बन गए हैं। नहीं ऐसे तो नाम ही मिट जाये गए काशी का। गंगामें चलने वाला क्रूज महीनों के लिए पहले से बुक है जब की अभी गर्मियों की छुट्टियों का समय नहीं है। तब क्या हाल होगा शिव ही जानें।
किसी भी शहर से अधिक प्रदूषित है बनारस

up के किसी भी शहर से अधिक प्रदूषित है बनारस। अपनी छमता से लगभग ३ ५ गुना अधिक आबादी का भार बनारस पर है..जिला प्रशासन अपनी नौकरी बचा कर काम कर रहा है। न जाने कब कौन vip रुष्ट हो जाये। जगह जगह कूड़े के ढेर हैं। सड़कों पर घंटों के जाम हैं. कोई सुनता नहीं ,जनता पहचानता नहीं ,लगता है up में नहीं है जिला। पैदल चलने वालों के लिए बने फुटपाथों पर दूकान दारों का कब्जा है सड़कें ऑटो ,रिक्शा वालों ने कब्जिया राखी हैं। ऐसा तो नहीं होता प्रधानमंत्री का संसदीय इलाके का हाल

नहीं कोई पुरसाहाल है खेल का


होटल ब्लू डाइमंड के मैनेजर अजय सिंह कहते हैं की कॉरिडोर बन जाने के बाद पर्यटन और होटल व्यवसाय में जबरदस्त उछाल आया है। जो कमरे लॉक डाउन के दौरान ५०० रूपये के महगी थे वे आज २००० में भी नहीं मिल रहे हैं। अजय जूडो के  राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं साथ ही जुडो के प्रशिक्षक भी हैं और सड़ी गली खेल व्यवस्थों से जूझ रहे हैं
एक मुलाकात में अजय ने बताया हर साल कोच की फिटनेस का टेस्ट देना होता है। वह भी एक प्राइवेट संस्था के पास। पहले ऐसा नहीं था। अजय कहते हैं कि पहले यह व्यवस्था सरकार के हाथ में थी पर नियामकों ने खेल के लिए कुछ भी नहीं किया। निश्चित तौर पर खेल का हाल भी प्रदेश में बनारस जैसा है टूटता,बिखरता ,कराहता।

(बनारस से लौट कर तैयार की गयी एक रिपोर्ट)