CM योगी ने गोरक्षनाथ मंदिर में अपने गुरु की आरती उतारी

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव-2022 होने में महज 6 महीने बचे हैं। ऐसे में भाजपा अपने बूथों को मजबूत करने में जुट गई है। आज गुरु पूर्णिमा पर भाजपा कार्यकर्ता अपने गुरुओं के शरण में दिखाई देंगे। भाजपा का हर नेता, जन प्रतिनिधि और कार्यकर्ता आज मठ-मंदिरों में दस्तक देंगे। साधु-संतों को अंगवस्त्र व नारियल देकर सम्मानित करेंगे। इसके साथ ही जीत का आशीर्वाद भी लेंगे।

लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह लाटूश रोड स्थित बौद्ध मंदिर, लाजपत नगर स्थित गुरुद्वारा चौक व बड़ी काली जी मंदिर, चौक पहुंचकर साधु-संतों का आशीर्वाद लेकर उनका सम्मान करेंगे। वहीं गोरखपुर में मौजूद सीएम योगी भी गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे। सीएम ने सुबह अपने गुरु की आरती उतारकर पूजा की।

हर वर्ग को लुभाने में जुटी भाजपा
भाजपा इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज के बड़े वर्ग को जोड़ने का प्रयास करेगी। पार्टी की इस पहल को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। संघ की राह पर भाजपा अपने नए मिशन को अंजाम देने जा रही है। आरएसएस में गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु दक्षिणा कार्यक्रम के विशेष अभियान के साथ नए सत्र की शुरुआत करने की परंपरा रही है।

माना जा रहा है कि यूपी में भाजपा हर गांव के पुरोहित, छोटे बड़े मंदिर के पुजारी समेत साधु-संतों को सम्मानित करेगी। इस अभियान के जरिए एक बड़े वर्ग को अपने साथ जोड़ने पर काम तो करेगी ही साथ ही यह भी संदेश देना चाहेगी कि भाजपा उन्हें महत्व देती है और वह उनकी प्राथमिकता में हैं।

जाति की सियासत से आगे निकलने की भाजपा की कोशिश
उत्तर-प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी सियासी दल जातियों को साधने में जुट गए हैं। बसपा ने तो यूपी में ब्राह्मणों को साधने की शुरुआत भी अयोध्या में जय श्रीराम के नारे से कर दी है तो वहीं समाजवादी पार्टी भी परशुराम की मूर्ति के बहाने ब्राह्मण सम्मान की बात कर रही है।

हालांकि भाजपा सबका साथ सबका विकास की बात करती है, लेकिन साधु-संतों का सम्मान औऱ गुरुओं का आशीर्वाद की यह कवायद समाज के एक बड़े वर्ग को अपने साथ जोड़ने की रणनीति है।

सेवा से सत्ता का सपना होगा साकार
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कहते हैं कि सेवा और सम्मान हमारा मूल आधार है। गुरु पूर्णिमा के दिन हम समाज व राष्ट्र को दिशा दिखाने वाले गुरु, श्रेष्ठजन सबसे संपर्क कर उनके योगदान के लिए आभार जताएंगे। इसी कड़ी में मंदिर, मठ, पूजा स्थलों व अन्य संस्थानों के प्रमुखों से भी भाजपा कार्यकर्ता संपर्क करेंगे।

हर राष्ट्र निर्माण व सांस्कृतिक चेतना के संरक्षण के लिए मोदी-योगी सरकार के किए गए प्रयासों से अवगत कराएंगे। माना जा रहा है कि भाजपा की ‘सेवा ही संगठन’ अभियान और अब साधु-संतों का सम्मान के पीछे भी सियासी रणनीति है। हालांकि, स्वतंत्र देव सिंह कहते है कि भाजपा के लिए राजनीति केवल सत्ता प्राप्त करने का माध्यम नहीं है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व अंत्योदय भाजपा के मूल उद्देश्यों में शामिल हैं।