CDO कार्यालय के कर्मचारी को मौत के बाद भेजा नोटिस, लिखा- काम नहीं करोगे तो वेतन रोक लेंगे

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(www.arya-tv.com)रायबरेली के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) कार्यालय के अफसरों की संवेदनहीनता सामने आई है। यहां एक सफाई कर्मचारी को मौत के बाद अफसरों ने चेतावनी नोटिस जारी कर दिया। नोटिस में उससे कहा गया है कि अगर वो काम पर नहीं लौटता है तो उसका वेतन रोक लिया जाएगा। इसकी जानकारी कर्मचारी संघ को हुई तो कर्मचारी नेताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी।

4 कर्मचारियों को भेजा गया नोटिस
रायबरेली के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने 25 मई को खीरों विकास खंड के बनमई में सेवा दे रहे बाल कुमार समेत चार लोगों को नोटिस जारी किया। अधिकारी की नोटिस के अनुसार 21 मई को रोस्टर की तैनाती के आधार पर बाल कुमार समेत ये चारों ड्यूटी पर नहीं पाए गए। अधिकारियों ने फोन पर संपर्क किया तो बताया गया कि ये सभी बिना सूचना दिए ड्यूटी से गायब हैं। ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए इन सभी कर्मचारियों का मई महीने का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है। साथ ही दो दिनों में कर्मचारियों को ड्यूटी पर ना आने के कारणों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है।

बाल कुमार की 13 अप्रैल को गई थी मौत
उत्तर प्रदेश पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजकुमार कनौजिया ने बताया इन चारों मे से बाल कुमार की 13 अप्रैल को ही मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद जब परिवार वालों को कार्रवाई की नोटिस मिली तो वे दुखी हो गए। राजकुमार ने कहा कि इस नोटिस से यह साबित होता है कि अधिकारी हमारे प्रति कितने संवेदनशील हैं।
उन्होंने बताया कि इसी नियम विरूद्ध तरीके से जनपद सीतापुर के विकास खण्ड सिधौली में भी कोविड पॉजिटिव सफाई कर्मचारी को एडीओ ने नोटिस थमा दी। पूरे प्रदेश मे नोटिस देकर सफाई कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। संघ के प्रांतीय महामंत्री रामेन्द्र श्रीवास्तव ने इसका कड़ा विरोध करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना के दौर में निष्ठापूर्वक कार्य कर रहे कर्मियों के प्रति संवेदी हों। दिवंगत कर्मियों को समस्त देय और आश्रित का समायोजन समयबद्ध रूप में किया जाए।

पूरे प्रदेश में ऐसी स्थिति, विरोध करेंगे
संघ के प्रांतीय महामंत्री रामेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि जल्द ही इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो संगठन इसका सख्त विरोध करेगा। उन्होंने बताया कि कोरोना के संकटकाल में ग्रामीण सफाई कर्मचारी बिना अवकाश के पूरे साल सफाई और सैनिटाइजेशन का कार्य कर रहा है। उस पर भी बिना आधार के दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को नोटिस थमाई जा रही है। यह यह न्याय है।
दूसरी ओर उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि उत्तर प्रदेश पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ उनकी मांगों को मुखरित कर शासन स्तर तक पहुंचा रहा है ऐसे वह जनहित में कार्य बाधित न करें और कोरोना के संकटकाल में अपनी सेवाएं निष्ठापूर्वक जारी रखें ताकि संभावित कोरोना की तीसरी महा लहर में कम से कम जनहानि हो।