न समोसा-कचौड़ी, न जंक फूड… उज्जैन के प्रसादम में क्या-क्या मिलेगा खाने को, सिर्फ R0 वाटर का होगा यूज

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(www.arya-tv.com) उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर की ख्याति पूरे देश में है। महाकाल लोक कॉरिडोर बनने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूरे देश से आते हैं। नए साल के पहले ही दिन आठ लाख से अधिक लोग उज्जैन आए थे।

महाकाल के दर्शन पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रविवार को एक और सौगात मिली है। यहां देश के पहले हेल्दी और हाईजीनिक फूड स्ट्रीट ‘प्रसादम’ की शुरुआत हुई है। इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने की है।

1.75 करोड़ रुपए की लागत से बना है प्रसादम

इस फूड स्ट्रीट का निर्माण लगभग 1 करोड़ 75 लाख रुपए की लागत से हुआ है। अब उज्जैन शहर के बाद देशभर में 100 स्थानों पर यह स्ट्रीट और भी खोले जाएंगे। इसकी खास बात यह है कि समोसा-कचौड़ी और जंक फूड के साथ प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। फरवरी की शुरुआत से प्रसादम पूरी तरह से काम करने लगेगा।

प्रसादम में कुल 17 दुकानें

महाकाल लोक के नीलकंठ द्वार के पास बनी पार्किंग की छत पर बने इस फूड स्ट्रीट में 150 से 200 स्क्वायर फीट की कुल 17 दुकानें हैं। नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक ने बताया कि इसमें ईट राइट फूड के सभी नियमों का पूरा ध्यान में रखा जा रहा है।

प्रसादम में बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उज्जैन के स्थानीय व्यंजनों के लुत्फ उठा सकेंगे। इसके लिए यहां अलग-अलग फूड स्टॉल होंगे। इसकी वेबसाइट को भी लॉन्च किया जा चुका है।

जंक फूड नहीं मिलेगा

प्रसादम की खास बात यह है की यहां पर जंक फूड पिज्जा, बर्गर और मैगी जैसी खाने की चीजों पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। इसमें मोटे अनाज से बने व्यंजन नूडल्स, बिस्किट सहित कम तेल का भोजन को शामिल किया गया हैं। साथ ही मालवा के प्रसिद्ध दाल-बाफले सहित अन्य खान-पान की चीजे भी यहां मिलेगी।

मैदा से बनी चीजों को यहां नहीं रखा जा सकेगा। प्रसादम में सांस्कृतिक नृत्य और अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे। प्रसादम फूड एंड सेफ्टी स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हब’ कार्यक्रम के तहत डेवलप किया गया है।

आरओ वाटर का होगा उपयोग

उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि यहां खाना बनाने के लिए व पानी पीने के लिए सिर्फ आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) वाटर का ही इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं, हर खाना बनाने वाले वेंडर को अपने हाथों में ग्लब्स, सिर पर टोपी और एप्रिन पहनकर रखना होगा।

यहां वर्कर और वेंडरों के मेडिकल टेस्ट होने के बाद ही उन्हें काम करने की अनुमति मिल सकेगी। वहीं, कचरे को डिस्पोस करने की भी पूर्ण जिम्मेदारी दुकानदारों की ही रहेगी।

FSSAI वेंडर और वर्करों को देगा ट्रेनिंग

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के प्रबंधक कुमार विकास ने बताया कि ‘प्रसादम’ में मोटे अनाज से बने व्यंजनों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही FSSAI की तरफ से सभी वेंडर्स को समय समय पर फूड हैंडलिंग ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

सप्ताह के एक दिन फूड सेफ्टी ऑन व्हील गाड़ी यहां बनने वाले भोजन और सर्व करने से लेकर कचरे का प्रबंधन करने की भी जांच करेगी। इसमें भारत सरकार द्वारा तय मापदंडों को देखा जाएगा।