तालिबान के साए में जी रहीं न्यूजीलैंड की प्रेग्नेंट महिला जर्नलिस्ट मार्च में देश लौटेंगी

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(www.arya-tv.com) अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रह रहीं न्यूजीलैंड की प्रेग्नेंट महिला जर्नलिस्ट शार्लोट बेलिस मार्च के पहले हफ्ते में देश लौट सकेंगी। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न की सरकार ने देश वापसी के लिए बेलेस को स्पेशल परमिशन दे दी है। 35 साल की बेलेस को 25 हफ्ते का गर्भ है। पिछले हफ्ते उन्होंने न्यूजीलैंड के सख्त कोविड प्रोटोकॉल के खिलाफ एक कॉलम के जरिए आवाज उठाई थी। इसके बाद दुनियाभर में अर्डर्न सरकार की आलोचना हो रही थी।

दूसरी तरफ, बेलेस के वकील ने साफ कर दिया है कि वो देश के हेल्थ मिनिस्टर क्रिस हिपकिन्स के खिलाफ केस दायर करने जा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने शार्लोट की प्राईवेसी को सबके सामने उजागर कर दिया है।

मार्च के पहले हफ्ते में न्यूजीलैंड लौट रही हैं
बेलेस ने मंगलवार को खुद बताया कि वे मार्च के पहले हफ्ते में न्यूजीलैंड लौट रही हैं और इस खबर से काफी खुश हैं। उनके साथ बेल्जियन पार्टनर जिम हुलीब्रुक भी होंगे। फिलहाल, वो काबुल में हैं और तालिबान हुकूमत उनकी मदद कर रही है। न्यूजीलैंड के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर ग्रांट रॉबर्टसन ने खुद बेलिस से बातचीत की है।

हालांकि, ये भी सच है कि बेलेस को स्पेशल परमिशन मिली है। उनके अलावा अब भी 118 इमरजेंसी एप्लिकेशन पेंडिंग हैं और सरकार ने अपने ही नागरिकों को अब तक देश लौटने की मंजूरी नहीं दी है। इनमें से कुछ गर्भवती महिलाएं भी हैं।

बेलेस की प्राईवेसी को पब्लिक किया
दूसरी तरफ, बेलिस के वकील ट्यूडर क्ली ने साफ कर दिया कि न्यूजीलैंड के हेल्थ मिनिस्टर क्रिस हिपकिन्स ने बेलेस की प्राईवेसी को पब्लिक किया है, उनके खिलाफ केस दायर किया जा रहा है। क्ली ने कहा- मेरी क्लाइंट के तमाम मेडिकल रिकॉर्ड्स और हिस्ट्री मीडिया के जरिए दुनिया तक पहुंचा दिए गए। ये कानूनन अपराध हैं और क्रिस को इसका जवाब अब कोर्ट में देना होगा। हम न्यूजीलैंड के नागरिक हैं और हमारे पास ऐसा करने का अधिकार है। मिनिस्टर ने इस पर जवाब नहीं दिया है।