मुनव्वर राना बोले- यूपी में नफरत का गुब्बारा फुलाया जा रहा, आतंकवाद-धर्मांतरण चुनावी तैयारी है

Lucknow

(www.arya-tv.com)लखनऊ के काकोरी से दो आतंकवादियों के पकड़े जाने के बाद टेरर कनेक्शन के नए-नए खुलासे हो रहे हैं। मशहूर शायर मुनव्वर राना इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। राना कहते हैं कि जब मुसलमानों को पंक्चर बनाने वाले कहा जाता है तो फिर वे धर्मांतरण के लिए रुपए कहां से ला रहे हैं?

राना यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी गीदड़ है। हर जगह चुनाव में मुसलमानों को बरगलाने आ जाता है। सरकार की जनसंख्या नीति पर राना बोले कि योगी किसी भी मां-बाप का दर्द नहीं समझ सकते। पीएम मोदी के द्वारा बनारस में योगी की तारीफ पर राना ने कहा- समझिए कुछ तो गड़बड़ है। मोदी जिसकी तारीफ करते हैं, उसके मायने बड़े गहरे होते हैं।

1. लखनऊ के काकोरी में आतंकी गिरफ्तार हुए हैं, क्या कहेंगे?
मुनव्वर राना: सियासत चमकाने के लिए मुसलमान सबसे आसान हैं। हर बार इन्हीं को पकड़ो। यह मुसलमान जो है, पूरा टूथब्रश जैसे यूज किया और अब सियासत में। मुसलमान जो है वो केवल आतंकवादी है।

2. आतंकी कनेक्शन का नेटवर्क तो बहुत गहरा बताया जा रहा है, रोज नए नाम सामने आ रहे हैं?
देखिए, अब इलेक्शन आने वाला है, तो उसकी तैयारी सब पार्टी करती हैं। हमारी हुकूमत भी अपनी तरह से तैयारी कर रही है। चार-पांच दिन पहले हम भी एक कुकर खरीद के लाए थे। हम तो उसको वापस करा आए, दुकानदार से माफी मांग ली। हमने कहा देखो भाई साहब कुकर खरीदने में बड़ी मुश्किल है।

वक्त आ गया है कि सभी पार्टियां मिलकर इस मामले में अदालत पहुंचें। अब और कोई रास्ता नहीं रह गया है। किसी पर भी आतंकवाद थोप दें, ये ठीक नहीं है। कोई आतंकवादी है तो उसको सजा दें, लेकिन जब कोई निर्दोष 10 से 12 साल जेल में रहकर छूट जाते हैं तो उनका हर्जा-खर्चा भी सरकार को देना चाहिए। वजह यह कि आपने तो उन्हें कहीं का नहीं रखा।

उनकी इज्जत भी खराब कर दी, सेहत भी खराब कर दी। एक तरीके से पूरी नस्ल ही खराब कर दी। ये अच्छा नहीं है। आपने आतंकवाद के लिए एक काैम तय कर दी है, वो काैम है मुसलमान। हिंदुस्तान में वफादारों की कीमत तो कभी हुई नहीं।

नफरत का एक गुब्बारा है, जो फुला-फुला के बड़ा किया जा रहा है। कोरोना की वजह से देश का जो हाल हुआ है, उस पर कोई बात नहीं हो रही है। गरीबों का जो हाल हुआ, उस पर बात नहीं कर रहे हैं। हमारे यहां केवल दो-तीन नाम ऐसे हैं, जो अमीर हो रहे हैं।

3. बनारस में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री की तारीफ की, इसको आप कैसे देखते हैं?
प्रधानमंत्री जिसकी तारीफ करते हैं उसका मतलब वे उसको हटाने वाले हैं। प्रधानमंत्री की तारीफ करने के पीछे का यही सच है। मोदी जिसकी तारीफ करें समझिए कुछ गड़बड़ है।

4. यूपी चुनाव से पहले ओवैसी का सक्रिय होना, क्या लगता है आपको?
अफसोस की बात है वो एक नारा आए दिन सुनाई देता है। एक शेर आया, शेर आया, हैदराबाद से जो है। हैदराबाद में मैंने कभी शेर देखा नहीं, 45 साल से हम मुशायरों में जाते रहे हैं। गधे देखे वहां पर या गीदड़। अफसोस है कि हम किसी पार्टी में नहीं हैं। सब जानते हैं कि सियासत की रोटी कभी खाई नहीं।

एक मशविरा हम जरूर देंगे मुसलमानों को, आप इस इलेक्शन में बेवकूफी मत करिएगा। कुछ इस तरीके से करिएगा जैसे बंगाल में ममता जी के लिए लोगों ने किया था। यहां पर तरह-तरह के लोग नाटक करने आएंगे। यह नौटंकी तो कहीं भी देखी जा सकती है। ऐसा न हो कि ना खुदा मिला, ना इधर के रहें, ना उधर के रहें।

5. ओवैसी ने कहा है वो लैला हैं, सीएम मजनू की तरह उनके पीछे पड़े हैं?
अगर वह लैला हैं तो हम भी उनसे इश्क करने लगे हैं, मुझे इस बुढ़ापे में भी एक लैला चाहिए। वो काैम के लीडर बनने की बजाय लैला बनना चाहते हैं, तो उन्हें इजाजत दी जाती है, लेकिन यह सवाल जरूर है कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है? वो यहां मुसलमानों का नुकसान करने आए हैं। हर बार चुनाव से पहले ही क्यों आते हैं?

6. यूपी में धर्मांतरण के कई मामले आए, आप इसे कैसे देखते हैं?
माफी के साथ मैं यह बात कह रहा हूं कि जब 1000 लोगों का धर्मांतरण हो गया तब पुलिस ने क्यों पकड़ा। जब 100 मामले थे तब पुलिस कहां थी। क्या पुलिस वाले गली-गली में शराब के ठेके पर बैठ कर शराब पी रहे थे। जब पहले 100 का हुआ होगा, तो फिर 1000 तक पहुंचा। अचानक 1000 लोगों का धर्मांतरण कैसे हो गया? यह 1004 क्यों नहीं हुआ, 1014 क्यों नहीं हुआ। इन लोगों ने 100 ही पर क्यों नहीं पकड़ा। जब 1000 में गिनती पहुंच गई तब आप लोगों ने ढूंढ निकाला। अब इसका मतलब आपका एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस तंत्र कमजोर है, शासन सत्ता कमजोर है।

7. धर्मांतरण कराने के मामले में भी मुसलमान ही शामिल हैं, ऐसा क्यों?
एक तरफ आप कहते हैं कि मुसलमान पंक्चर जोड़ने वाली काैम है। फिर कहते हैं कि इनके पास इतना पैसा है कि धर्मांतरण करवा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि हिंदुओं को ये गाली दे रहे हैं। क्या हिंदुओं का मजहब इतना कमजोर है? हिंदू भाई इसी के लिए बेचारों की तरह बैठे हैं दान पात्र लिए..कोई पैसा दे, तो हम अपना धर्म बदलें।

साजिश तो हिंदू भाइयों के साथ की जा रही है, उनको गाली भी दी जा रही है। पंडित आनंद नारायण मुल्ला ने ये बात कही थी, हम अपनी जुबान और अपना धर्म कभी नहीं छोड़ सकते हैं। जुबान थी उर्दू और धर्म से हिंदू थे।

8. आतंकियों के पकड़े जाने के बाद धर्मांतरण मामले में कोई नई बात सामने नहीं आई?
अब 1000 का कोटा बंद हो गया है। पुलिस वालों का कोटा रहता है कि 1000 हो गया। कोटा पूरा हो गया, लेकिन उनको कोई मजा नहीं आया। इसलिए उसको बंद कर दिया, लेकिन यह सरकार कैसी है जिनका वोट ले रही है उन्हीं को गाली दे रही है, उन्हीं हिंदू भाइयों को कहा जा रहा है। पैसा लेकर अपने धर्म बदलने के आरोप लगा रहे हैं।

9. ओवैसी का 2022 के यूपी चुनाव लड़ना कितना असर डालेगा?
यह तो मुसलमान को साबित करना होगा। वे बेवकूफ़ हैं या अक्लमंद। उनको मिसाल लेना चाहिए बिहार में क्या हुआ। ओवैसी तो बंगाल में भी गए थे। वहां पर अब्बास सिद्दीकी के साथ मिलकर सरकार बना रहे थे। ममता बनर्जी ने पहले ही कहा था यहां का मुसलमान किसी के चक्कर में नहीं पड़ता। अब यही उत्तर प्रदेश के मुसलमानों का इम्तिहान है।

10. नई जनसंख्या नीति को लेकर कहा जा रहा है कि 2 से ज्यादा बच्चे वालों को सुविधाएं नहीं मिलेंगी?
ऐसा आदमी मुख्यमंत्री नहीं होना चाहिए जिसके कोई बच्चे नहीं हैं, वह बच्चों का दर्द ही नहीं जानता है। दूसरी बात यह है कि जनसंख्या नीति का मुसलमानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे मुसलमान के अलावा हिंदू भी चिढ़ा हुआ है। वह कहता है बच्चे खुदा की देन हैं। अब मुसलमान पढ़ा-लिखा हो गया है। उसको एक बीवी पालना ही बड़ी मुश्किल है।