काशी में 1 KM लंबी लाइन, 6 लाख भक्त बाबा विश्वनाथ पहुंचे:कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा

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(www.arya-tv.com)  सावन के चौथे सोमवार पर शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज है। काशी लाखों शिवभक्तों से शिवमय हो गई है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा है। गंगा से जल लेकर शिव भक्त लाइन से बाबा विश्वनाथ के दरबार पहुंच रहे हैं। मंदिर के बाहर करीब एक किलोमीटर लंबी लाइन है। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि आज श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में 6 लाख से ज्यादा शिवभक्त दर्शन कर सकते हैं।

वहीं, प्रयागराज के भी शिवालयों में भक्तों की भीड़ है। गंगा स्नान कर श्रद्धालु दूध और गंगाजल से अभिषेक करने के लिए शिव मंदिरों में जा रहे हैं। प्रशासन ने कांवड़ियों पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए।

शाम को श्री काशी विश्वनाथ का होगा भागीरथी श्रृंगार
आज रात शयन आरती के बाद बाबा विश्वनाथ का भागीरथी श्रृंगार किया जाएगा। वहीं, मंगलवार को पूर्णिमा मासी का भव्य श्रृंगार होगा। इस सावन में 8 सोमवार और 2 पूर्णिमा पड़ रहे हैं। पूरे 10 दिन तक बाबा का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार होगा। अभी तक 3 श्रृंगार चल प्रतिमा, गौरी शंकर और अमृत वर्षा श्रृंगार हो चुके हैं। अब 7 श्रृंगार बाकी हैं। बाबा विश्वनाथ के दरबार को फूलों से सजा दिया गया है।

किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी भक्तों संग चढ़ाएंगी जल
आज किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी अपने भक्तों के साथ बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर सकती हैं। हालांकि, उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगी। मगर, प्रतिबंधित क्षेत्र के चलते प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। वह 12 बजे दशाश्वमेध घाट से कलश में गंगाजल लेकर गेट नंबर चार से धाम में प्रवेश करेंगी। भक्त महामंडलेश्वर को अर्द्धनारीश्वर मानते हैं। इस दौरान हेमांगी सखी भक्तों संग वहां शिव तांडव भी करेंगी।

कल सुबह तक बना नो व्हीकल जोन
सावन के चौथे सोमवार को तड़के 4 बजे से मंगलवार सुबह 8 बजे तक डायवर्जन लागू रहेगा। मैदागिन और गोदौलिया चौराहे से लेकर मंदिर तक नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। मैदागिन-गोदौलिया से सोनारपुरा की सड़क, गुरुबाग-रामापुरा से बेनियाबाग तिराहा की सड़क, रविंद्रपुरी ब्रॉडवे होटल तिराहे से रामापुरा चौराहे की सड़क को भी नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। यहां पर कार, बाइक, स्कूटी, पब्लिक रिक्शा या ई-रिक्शा का संचालन नहीं होगा। मगर, दिव्यांगों, बुजुर्गों और महिलाओं को मंदिर तक पहुंचाने के लिए ई-रिक्शा चलेंगे।