विंध्याचल में मानक समय स्थल पर लगी घड़ी की हो रही उपेक्षा, अधिकारी है अंजान

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(www.arya-tv.com)  उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद में पर्यटन के दृष्टि से महत्वपूर्ण जगहों को विकसित करने की कवायद जरूर चल रही है, लेकिन हकीकत तो यह है कि कई धरोहरें उपेक्षा का दंश झेल रही हैं. सरकारी तंत्र भी इन्हें सहेजने में कोई खास रुचि नहीं दिखा रहा है. इन्हीं में से एक मानक समय बताने वाली घड़ी है. भारतीय आध्यात्मिक जगत में महत्वपूर्ण इस स्थल पर लगी घड़ी इस समय बेरुखी महसूस कर रहीहै

गौरतलब हो कि इस समय शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा है. ऐसे में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शन करने आ रहे हैं. विंध्याचल आने वाले काफी संख्या में दर्शनार्थी अटल चौराहा (अमरावती चौराहा) के पास स्थित मानक समय स्थल पर भी जाते हैं. लेकिन इस समय वहां पहुंचने वाले दर्शनार्थियों को निराशा हाथ लग रही है. वजह इस टूरिस्ट प्लेस पर लगी घड़ी का खराब होना है. कभी यहां लगी घड़ी से लोग अपना समय मिलाते थे, लेकिन आज उससे नजरें मिलाने से भी कतराने लगे हैं. क्योंकि वह समय नहीं बता पा रही है.

बहुत जल्दी घड़ी को सही कराया जाएगा: पर्यटन अधिकारी
चैत्र नवरात्रि में जिला प्रशासन द्वारा इस जगह का सुंदरीकरण कराया था. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इंडियन स्टैंडर्ड टाइम बिंदु पर बने सेल्फी प्वाइंट लोकार्पण किया था. साथ ही केंद्रीय मंत्री ने खुद सेल्फी लेकर इस पहल की शुरुआत की थी. लेकिन वर्तमान में जिला प्रशासन की अनदेखी के वजह से घड़ी चलने के बाद इस समय बंद हो गई है. घड़ी खराब होने को लेकर क्षेत्रिय पर्यटन अधिकारी डॉक्टर अरविंद कुमार राय ने बताया कि अभी इस मामले की जानकारी नहीं थी. अब जल्दी ही घड़ी में जो खराबी है उसको सही कराया जायेगा.

प्राचीन मान्यता है कि रावण भी लेता था यहीं से समय
बता दें, गंगा किनारे बसा ये कस्बा भारत के मानक समय का भी केंद्र है. यह स्थान विंध्यासिनी मंदिर से दक्षिण, मीरजापुर-इलाहाबाद मार्ग पर अमरावती के पास स्थित है. इसी जगह से भारत का मानक समय आईएसटी (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) तय होता है. वर्ष 2007 में भूगोल विदों के एक दल ने इस जगह को मानक समय के स्थल के रूप में चिन्हित किया था. स्पेस संस्था के अनुसार, यह स्थान 82.5 पूर्वी देशांतर पर स्थित है. जो देश का मध्य बिंदु है. प्राचीन मान्यता है कि लंका का राजा रावण भी अपनी ज्योतिषगणना के लिए समय यहीं से लिया करता था.