- जिलाधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मासिक समीक्षा करें- डॉ रोशन जैकब
- महिलाओं और बच्चों को सशक्त करने हेतु नवाचारों सहित कौशल विकास को सुनिश्चित करें- मंडलायुक्त
- इंटर डिपार्टमेन्टल कन्वर्जेन्स् पर जोर देंने पर विस्तृत कार्ययोजना विकसित की गई
एल0डी0ए0 सभागार, लखनऊ महिलाओं एवं बच्चे को संरक्षण और सशक्तिकरण प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन मंडलायुक्त लखनऊ रोशन जैकब की अध्यक्षता में संपन्न हुई। कार्यशाला में मंडल के सभी जनपदों के जिलाधिकारी ऑनलाइन रूप में मौजूद रहे। विदित है कि प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक मंडल में ऐसी कार्यशालायें आगामी 2 माह में आयोजित की जा रही है। इन कार्यशालाओं को मुख्य उददेश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत् विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के मध्य मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेस् को बढ़ावा देना है।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को मिशन वात्सल्य के अंतर्गत संस्थागत देखरेख, गैर संस्थागत देखरेख व कन्वर्जेस आवश्यकताओं और घटकों तथा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत उपयोजनाओं संबल और सामर्थ्य के मुख्य घटकों और के बारे में संवेदित किया गया। साथ ही मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति से संबंधित मंडल स्तरीय कार्ययोजना का निर्माण किया गया।
मंडलायुक्त लखनऊ रोशन जैकब द्वारा कार्यशाला के दौरान कहा गया कि प्रत्येक जिलाधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु वार्षिक प्लान बनवायें, उनकी मासिक समीक्षा करें और इंटर डिपार्टमेन्टल कनवर्जेन्स् पर जोर दें। उन्होंनें उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये किः
• मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत जनपद, ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों के गठन एवं त्रैमासिक समीक्षा बैठक आहूत करते हुये वार्षिक बाल संरक्षण कार्ययोजना की प्रगति की समीक्षा करें। योजनाओं के अंतर्गत रिक्त पदों पर भर्ती की समीक्षा करें।
• बाल देखरेख संस्थाओं के नियमित निरीक्षण व बच्चों की देखरेख व संरक्षण संबंधी विषयों पर नियमित समीक्षा।
• बाल देखरेख संस्थाओं में बच्चों की स्थिति एवं उन्हें मूलभूत सुविधाओं जैसे कि भोजन, स्वास्थ्य, काउंसलिंग, शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, योग, मनोरंजन एवं खेलकूद की उपलब्धता की स्थिति। विशेषकर संप्रेक्षण गृहों हेतु कौशल विकास कार्यक्रम तैयार करें।
• विभिन्न जनपदों में बाल देखरेख संस्थायें तथा महिलाओं से संबंधित गृहों को संचालित किये जाने की आवश्यकता का आंकलन करें।
• ग्राम पंचायतों में तैयार की जाने वाली ग्राम पंचायत विकास योजना में बच्चों एवं महिलाओं से सम्बंधित विषयों को सम्मिलित करते हुये योजनाओं में उल्लेखित 5 प्रतिशत बजट का प्रयोग करायें।
• ग्राम पंचायत स्तर पर बाल सभा एवं महिला सभा का गठन एवं उनकी बैठकें आहूत करने और बाल हितैषी ग्राम पंचायतें विकसित करने हेतु नवाचार शुरू करें।
उपनिदेशक महिला कल्याण पुनीत मिश्रा द्वारा कहा गया कि हमने जनपदों की आवश्यकताओं को देखते हुये प्रत्येक मंडल स्तर पर बच्चों व महिलाओं की विभिन्न श्रेणियों के से संबंधित गृहों के संचालन की योजना बनाई है। साथ ही गैर संस्थागत देखरेख को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं जिसमें जरूरतमंद बच्चों को 4000 रू० प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है।
यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ सैयद मंसूर उमर कादरी द्वारा कहा गया की हमें बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने हेतु विभिन्न स्तरों पर गठित बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों को क्रियान्वित करना होगा। साथ ही विभागीय सुविधाओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा।
कार्यशाला में तीनों जनपदों द्वारा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हुत विस्तृत कनवर्जेस् कार्ययोजना बनाई गई जिसमें योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियाँ और उनको दूर करने हेतु विभागों द्वारा की जाने वाली अपेक्षित कार्यवाही व समयसीमा तय की गई।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपने सभी प्रमुख कार्यक्रम को दो प्रमुख अम्ब्रेला योजनाओं- मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। दोनों योजनाओं का मुख्य लक्ष्य महिलाओ, तथा बच्चों के सर्वागीण विकास व उनके संरक्षण एवं सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जाना है। मिशन वात्सल्य का लक्ष्य है जोखिमपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना। योजना के अंतर्गत नवाचार और को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। साथ ही महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से मिशन शक्ति योजना शुरू की गई है। जिसके अर्न्तगत विभिन्न विभागों के कर्वेजन्स के माध्यम से मिशन लक्ष्यों की प्राप्त किया जाने को महत्वता दी गई है।
कार्यशाला में जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, महिला कल्याण विभाग के उपनिदेशक प्रवीन कुमार त्रिपाठी, मुख्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग से मुख्य परीवीक्षा अधिकारी आकांक्षा अग्रवाल, उपनिदेशक आशुतोष कुमार, राज्य परामर्शदाता नीरज मिश्र व प्रीतेश तिवारी जिला प्रोबेशन अधिकारी लखनऊ विकास सिंह सहित जनपद हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर खीरी से विभिन्न विभागों यथा पुलिस, स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार, दिव्यांगजन, श्रम, शिक्षा, कौशल विकास मिशन आदि के जनपद स्तरीय अधिकारी तथा बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेन्टर, हब फॉर वूमेन इम्पॉवरमेन्ट, आदि के सदस्य मौजूद रहें।