तेल के कारण रुके चिकित्सा अधिकारियों के वाहन;भुगतान न होने के चलते नही मिला डीजल

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www.arya-tv.com)  लखनऊ में कोरोना से बचाव के लिए एक्टिव सर्विलांस के दावों को तगड़ा झटका लगा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दफ्तर की सरकारी गाड़ियों में तेल न होने के कारण दो दिनों से पहिए थमे है। लाखों का भुगतान न होने के कारण कंपनी ने तेल देने से मना कर दिया।इधर अफसरों को भी फील्ड पर न जाने का यह बढ़िया बहाना मिल गया। कार्यालय के तमाम अफसर सोमवार से ही कार्यालय तक सीमित है और जमीनी हालात को परखने के लिए फील्ड में नही जा रहे। हालांकि ऐसे किसी बड़ी समस्या से काम प्रभावित होने की बात को  लखनऊ सीएमओ एक सिरे से नकार रहे है।

15 लाख के करीब है बकाया राशि

दरअसल मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में तैनात करीब 1 दर्जन अफसरों को सरकारी गाड़ी मुहैया कराई जाती है। निदेशालय से इनका भुगतान किया जाता है। लखनऊ में महीनों से इन गाड़ियों के डीजल का भुगतान नही किया गया है। यही कारण है कि अब यह उधारी की राशि बढ़कर 15 लाख तक पहुंच गई। वही तेल कंपनी ने बिना भुगतान के अब डीजल देने से मना कर दिया है यही कारण है कि गाड़ियों के पहिए थमें है।

मंगलवार को छुट्टी पर रहे सीएमओ

बिना गाड़ियों के अफसर फील्ड पर नहीं जा रहे है। वही टीकाकरण के लिए जिन अफसरों को केंद्र की जिम्मेदारी दी गई थी, वह भी अब केंद्र पर नही जा पा रहे है। गाड़ियां खड़ी होने की वजह से टीकाकरण केंद्र पर निगरानी भी नही हो पा रही है। वही सर्विलांस व सैनिटाईजेशन को भी नही परख पा रहे। इस बीच मंगलवार को सीएमओ लखनऊ छुट्टी पर रहे पर उन्होंने दावा किया कि सब काम सुचारु रूप से चल रहा है।

कुछ गाड़ियां ही इससे प्रभावित है -सीएमओ

लखनऊ सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि निजी काम से आज अवकाश लिया है। डीजल के पेमेंट के लिए निदेशालय को पत्र लिख दिया गया है। कुछ गाड़ियां ही इससे प्रभावित है, पर विभागीय काम से कतई प्रभावित नही है।