28 महीने बाद लखनऊ जेल से रिहा हुए केरल के पत्रकार कप्पन:हिंसा फैलाने का था आरोप

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) केरल के एक पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को आज लखनऊ जेल से रिहा कर दिया गया। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से 23 दिसंबर को सिद्दीकी कप्पन को Ed के मनी लांड्रिंग केस में जमानत मिली थी। उन्हें 28 महीने जेल में बिताने के बाद आज रिहाई मिली है। जेल से बाहर निकलते उन्होंने विक्टोरी साइन बनाते हुए परिजनों से मिले।

कप्पन की बीते 23 दिसंबर को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से सशर्त जमानत मंजूर की गई थी। जिसके बाद ED के विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पांडे ने कप्पन को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं इसी धनराशि का मुचलका दाखिल करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।

9 जनवरी को जमानत के लिए दाखिल की गई थी याचिका

लखनऊ की विशेष अदालत के आदेश के बाद कप्पन की ओर से बीते 9 जनवरी को जमानतें अदालत में दाखिल की गई थीं। जिसके बाद अदालत ने जमानतदारों की हैसियत का सत्यापन कराए जाने का आदेश दिया था। बुधवार को जमानतदारों एवं उनके द्वारा दाखिल दस्तावेजों का सत्यापन होने के बाद आरोपित को रिहा करने का आदेश (रिहाई आदेश) जिला जेल भेज दिया था।

चर्चित हाथरस कांड के दौरान गिरफ्तार किए गए कप्पन को हवाला से धन प्राप्त कर देश विरोधी कार्यों में प्रयोग करने समेत तमाम आरोपों को लेकर ED ने उसके खिलाफ कार्रवाई की थी।

हाथरस कांड में गिरफ्तार हुए थे सिद्धकी कप्पन

जांच के दौरान पाया गया कि यूपी पुलिस ने 8 अक्टूबर‚ 2020 को मसूद अहमद‚ सिद्दीकी कप्पन‚ अतिकुर्रहमान और मोहम्मद आलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उस समय गिरफ्तार किया था। जब वह साम्प्रदयिक सौहार्द बिगड़ने‚ साम्प्रदायिक दंगे भड़काने और आतंक फैलाने हाथरस जा रहे थे। कहा गया कि आरोपित कप्पन PFI के मुखपत्र तेजस डेली में कार्य करता था और पीएफआई का सक्रिय सदस्य है‚ साथ ही आरोपित को 2014 में दिल्ली में दंगे करने के लिए नियुक्ति किया गया था।

आरोप है कि जांच में पता चला कि PFI के सदस्य केए रऊफ व अन्य PFI सदस्यों को एक षड्यंत्र के तहत विदेश से एक करोड़ 38 लाख रुपए दिए गए तथा रउफ‚ सईद और अन्य सदस्यों ने हाथरस जाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने‚ दंगे कराने और आतंक फैलाने का साजिश रचा था।