पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर कसता शिकंजा :अब एसटीएफ को मिली अजीत सिंह हत्याकांड की जांच

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(www.arya-tv.com)लखनऊ में हुए मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह हत्याकांड की जांच अब एसटीएफ करेगी। उसकी छह जनवरी 2021 को गोमतीनगर विभूतिखंड इलाके में  हत्या कर दी गई थी। घटना के पीछे पूर्व सांसद धनंजय सिंह के हाथ होने की बात सामने आई थी। पिछले दिनों धनंजय सिंह को लेकर एक वीडियो सपा मुखिया अखिलेश ने ट्वीट किया गया था। जिसमें वह एक क्रिकेट मैच के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। डीजीपी मुकुल गोयल ने इसकी जांच के आदेश दिये थे। इसके बाद ही एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इस केस की जांच एसटीएफ को सौंप दी है। 2021 अगस्त में इस हत्याकांड की विवेचना विभूतिखंड थाने से गाजीपुर पुलिस को स्थानान्तरित कर दी गई थी।
गिरधारी पर शूटरों का इंतजाम करने का आरोप
मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लाक प्रमुख का प्रतिनिधि अजीत सिंह मऊ का हिस्ट्रीशीटर था। जो जिला बदर होने के बाद से गोमतीनगर विस्तार में अपना ठिकाना बनाए हुए था। 6 जनवरी 2021 को विभूतिखंड कठौता चौराहे पर एक शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बाहर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोलीबारी में अजीत सिंह की मौत हो गई थी। वहीं करीबी मोहर सिंह भी घायल हुआ था। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में एक हमलावर और राहगीर को गोली लगी थी। मोहर की तहरीर पर आजमगढ़ जेल में बंद अखंड सिंह व ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह पर सुपारी देकर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर से हत्या कराने का आरोप लगाया था। गिरधारी पर शूटरों का इंतजाम करने का आरोप था। पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद पहली गिरफ्तारी अंबेडकरनगर के संदीप सिंह बाबा की की थी। इसके बाद पुलिस ने इस हत्याकांड में अंकुर सिंह, मुस्तफा, प्रिंस, बंधन, राजेश तोमर, रेहान को गिरफ्तार किया था।
पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष , 25 हजार का इनाम
हत्याकांड में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साजिश रचने की बात सामने आई थी। इसके बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ 20 फरवरी को सीजेएम कोर्ट से वारंट जारी किया गया। इसके बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने 6 मार्च को प्रयागराज के न्यायालय में चल रहे एक पुराने मामले की जमानत तुड़वाकर समर्पण कर दिया। कुछ दिन तक उसे नैनी जेल में रखा गया। इसके बाद धनंजय सिंह को फर्रूखाबाद भेज दिया गया था। जहां से उसे अप्रैल में जमानत मिल गई। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा है। उसकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। लखनऊ कमिश्नरेट ने धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था।
 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
अजीत को गोली मारने वाले मुख्य शूटर गिरधारी को दिल्ली की क्राइम ब्रांच की टीम ने 11 जनवरी को गिरफ्तार किया था। विभूतिखंड पुलिस  उसे वारंट बी पर लखनऊ लाया था। 14 फरवरी की रात को हत्या में प्रयुक्त असलहा बरामद कराने के दौरान गिरधारी ने पुलिस टीम पर हमला कर भागने की कोशिश की। इस दौरान जवाबी फायरिंग में गिरधारी को मार गिराया था। पुलिस इस मामले में जेल में बंद 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।