UCC पर बोला जमीयत उलेमा-ए-हिंद, कहा- शरीयत के खिलाफ मुसलमान कुछ भी बर्दाश्त नहीं कर सकता

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(www.arya-tv.com) 2024 लोकसभा चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी को लेकर हलचल बहुत तेज हैं। लॉ कमीशन ने सभी धर्म संप्रदाय और आम लोगों से यूसीसी पर राय मांगी है। इस कड़ी में जमीयत उलेमा ए हिंद (अरशद मदनी गुट) ने लॉ कमीशन को देने के लिए अपनी राय तैयार कर ली है। जिसे आज या कल लॉ कमीशन को भेजा जाएगा।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी राय में कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड मजहब से टकराता है। ऐसे में लॉ कमीशन को चाहिए, कि वो सभी धर्मो के जिम्मेदार लोगों से बुलाकर बात करें और समन्वय स्थापित करे।

मौलाना अरशद मदनी की जमीयत उलेमा-ए- हिंद जिस राय को लॉ कमीशन को भेजेगी उसके मुताबिक कोई भी ऐसा कानून जो शरीयत के खिलाफ हो, मुसलमान उसे मंजूर नहीं करेंगे। मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन अपनी शरीयत के खिलाफ नहीं जा सकता।

जमीयत उलेमा- ए- हिंद ने तैयार की गई राय में कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान में मिली धर्म के पालन की आजादी के खिलाफ है। क्योंकि यह संविधान में नागरिकों को धारा 25 में दी गई धार्मिक आजादी और बुनियादी अधिकारों को छीनता है।

जमीयत की तरफ से कहा गया कि हमारा पर्सनल लॉ कुरान और सुन्नत से बना है उसमें कयामत तक कोई भी संशोधन नहीं हो सकता। हमें संविधान मजहबी आजादी का पूरा मौका देता है। जमीयत से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आज या कल लॉ कमीशन को अपनी राय भेज दी जाएगी। जमीयत ने बाकायदा अपनी राय का एक ड्राफ्ट तैयार किया है।