डॉ0 अम्बेडकर की ही देन है कि आज मैं आप सभी के सामने खड़ी हूँ : राष्ट्रपति  श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

Lucknow

(www.arya-tv.com)”डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय के समारोह में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह डॉ0 अम्बेडकर की ही देन है कि आज मैं आप सभी के सामने खड़ी हूँ। वे मेरे लिए ईश्वर के समान हैं।” यह बातें भारत की  राष्ट्रपति  श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह में कहीं।

राष्ट्रपति आज विवि के दसवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। उन्होंने मेडल और उपाधि प्राप्त करने वाले मेधावियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन उनके लिए विशेष है, आज के दिन के लिए विद्यार्थी कठिन परिश्रम करते हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद हर्ष का विषय है कि आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले मेधावियों में 60 प्रतिशत संख्या छात्राओं की है, मैं इन बेटियों की विशेष सराहना करती हूं। उन्होंने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अपने लक्ष्य पर अडिग रहने तथा लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब का पूरा जीवन संघर्षों से भरा था मगर फिर भी कठिन परिश्रम और मूल्य आधारित जीवन शैली अपनाकर उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की और आज समाज उन्हें भारत के संविधान शिल्पी के रूप में याद करता है। उनके जीवन और सिद्धांतों से प्रेरणा लेते हुए, उनके दिखाए मार्ग पर चलकर विद्यार्थी कठिन से कठिन लक्ष्य साध, सफलता प्राप्त कर सकते हैं। राष्ट्रपति महोदया ने अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे शिक्षकों की आवश्यकता पर जोर देते हुए विद्यार्थियों से शिक्षक और प्रोफेसर बनने आग्रह किया, ताकि एक सशक्त देश का निर्माण हो सके।

उन्होंने विवि के वातावरण और हरे भरे परिसर, नो मोटर वेहिकल डे जैसे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अपने संबोधन में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट की चर्चा करते हुए शिक्षा को उद्योगों और व्यापार के वातावरण से जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों को अधिक से अधिक जनकल्याण के अनुसंधान करने पर जोर दिया। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की बात कही। भारत को विश्व के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में विकसित होने की बात को प्रमुखता से उजागर करते हुए राष्ट्रपति महोदया ने शिक्षण संस्थानों से इस मौके का पूरा लाभ उठाने की बात कही।

उन्होंने रिसर्च और इन्नोवेशन के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने, कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करने का आह्वान किया। उन्होंने बिरसा मुंडा एक्टिविटी सेंटर के बारे में बात करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा का पूरा जीवन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है, उनके नाम पर बना यह सेंटर विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास में योगदान करेगा। उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त की इन पंक्तियों से अपने वक्तव्य का समापन किया।

नहीं विघ्न-बाधाओं को हम, स्वयं बुलाने जाते हैं,
फिर भी यदि वे आ जायें तो, कभी नहीं घबड़ाते हैं।
मेरे मत में तो विपदाएँ, हैं प्राकृतिक परीक्षाएँ,
उनसे वही डरें, कच्ची हों, जिनकी शिक्षा-दीक्षाएँ॥

दीक्षांत समारोह विवि के भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में प्रातः 10:30 बजे से प्रारंभ हुआ। इस समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश की माननीया राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और विशेष अतिथि के तौर पर उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश, माननीय योगेंद्र उपाध्याय ने भी समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर विवि के कुलाधिपति डॉ0 प्रकाश सी0 बरतुनिया, कुलपति आचार्य संजय सिंह भी अतिथियों के साथ मंच पर उपस्थित रहे।

समारोह की शुरुआत अकादमिक शोभायात्रा से हुई जिसमें माननीया राष्ट्रपति समेत सभी अतिथि, विवि के कुलाधिपति डॉ0 प्रकाश सी बरतुनिया, कुलपति आचार्य संजय सिंह, कुलसचिव डॉ0 अश्विनी कुमार, परिक्षा नियंत्रक प्रो0 विक्रम सिंह यादव, वित्त अधिकारी डॉ0 अजय कुमार मोहंती समेत सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं बोर्ड के सदस्य शामिल हुए।

*सत्र 2021 में 6 मेधावियों को 2 गोल्ड मेडल (ओपन कैटेगरी और रिज़र्व कैटेगरी) प्राप्त हुए।
*सत्र 2022 में 10 मेधावियों को 2 गोल्ड मेडल (ओपन कैटेगरी और रिज़र्व कैटेगरी) प्राप्त हुए।
*इस वर्ष गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या छात्रों की तुलना में ज्यादा रही। इस वर्ष कुल 100 छात्रों और 153 छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।
*इस समारोह में कुल 2204 छात्रों और 1604 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई।