(www.arya-tv.com) अमेरिका के साथ चल रहे तनाव के बीच ईरान और चीन के बीच दोस्ती अब 25 साल के समझौते में तब्दील होने जा रही है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ईरान पहुंच गए हैं और दोनों देशों के बीच इस महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर हो सकता है।
ईरान और चीन ने अगले 10 साल में द्विपक्षीय व्यापार को 10 गुना बढ़ाकर 600 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। दोनों देश यह समझौता ऐसे समय पर करने जा रहे हैं जब वे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं।
ईरान और चीन के बीच समझौते की डिटेल अभी नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि इसमें ईरान के प्रमुख क्षेत्रों जैसे ऊर्जा और आधारभूत ढांचे में चीन का निवेश शामिल है। चीन ईरान के सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में से एक है। ईरान की संवाद एजेंसी इरना के मुताबिक चीनी विदेश मंत्री की इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान व्यापक सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर होगा।
इस समझौते से ठीक पहले ईरान ने अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रति अपना रुख और कड़ा कर दिया है। इस बीच चीन ने भी ऐलान किया है कि वह ईरान के परमाणु समझौते के बचाव के लिए प्रयास करेगा और चीन-ईरान संबंधों के वैधानिक हितों की रक्षा करेगा। चीन ने यह टिप्पणी ऐसे समय पर की है जब उसने ईरान से रेकॉर्ड पैमाने पर तेल खरीदा है।
25 साल तक 400 अरब डॉलर का निवेश
चीन-ईरान के इस महाडील के 18 पन्ने के दस्तावेजों से पता चलता है कि चीन बहुत कम दाम में अगले 25 साल तक ईरान से तेल खरीदेगा। इसके बदले में चीन बैंकिंग, आधारभूत ढांचे जैसे दूरसंचार, बंदरगाह, रेलवे, और ट्रांसपोर्ट आदि में निवेश करेगा।
माना जा रहा है कि इस डील के बाद ईरान की चीन के जीपीएस कहे जाने वाले बाइदू तक पहुंच हो जाएगी। यही नहीं चीन ईरान में 5G सर्विस शुरू करने में मदद कर सकता है। चीन ईरान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। मई 2018 में परमाणु डील से अमेरिका के हटने के बाद ईरान बुरी तरह से अमेरिकी प्रतिबंधों की मार झेल रहा है।