(www.arya-tv.com)एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाने वाले आईपीएस अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार समेत पांच पर एफआईआर दर्ज की गई है। शासन की अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस ने ट्रांसफर–पोस्टिंग में पैसों के लेन–देन के प्रमाण मिलने के बाद दोनों आईपीएस अफसरों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाई है। दोनों के खिलाफ नोएड़ा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने शासन और डीजीपी से शिकायत की थी।
शासन के निर्देश पर विजिलेंस की खुली जांच में दोनों पर लगे आरोप सही पाए गए, जिसके बाद एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई थी। इससे पहले इस केस की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। इस टीम ने भी अपनी जांच में दोनों आईपीएस पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद विजिलेंस के मेरठ सेक्टर में दोनों आईपीएस के अलावा तीन दलालों को भी एफआईआर में नामजद किया गया है। इनमें कथित पत्रकार चंदन राय, स्वप्निल राय और अतुल शुक्ला हैं।
मामले में तीन पत्रकार भी नामजद किए गए
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 के तहत दोनों अफसरों के खिलाफ अलग–अलग केस दर्ज किए गए हैं। जिनमें तीनों पत्रकार भी नामजद हैं। तीनों पर सरकारी अधिकारी को भ्रष्टाचार के लिए प्रेरित करने और साजिश रचने का आरोप है। तीनों पर नोएडा पुलिस ने भी गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया था और गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया था।
तत्कालीन एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण ने पोस्टिंग कराने वाले इस गैंग का पर्दाफाश किया था। उन्होंने शासन को भेजी रिपोर्ट में अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार समेत पांच आईपीएस अफसरों पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे और इसके प्रमाण भी सौंपे थे। दोनों अफसरों की दलालाें से हुई बातचीत में जिलों में पोस्टिंग कराने के लिए लाखों रुपए का जिक्र सामने आया था।